Saavan: आज सावन महीने का पहला सोमवार है, जिसे भक्तों के लिए विशेष महत्व माना जाता है। इस पावन दिन को भगवान शिव की भक्ति और पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। आज सुबह से ही भक्तगण मंदिरों में भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए पहुंचने लगे।
सावन सोमवार का धार्मिक महत्व
सावन का महीना हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र माना जाता है और सावन के सोमवारों का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। भक्तगण भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न प्रकार की पूजा और अनुष्ठान करते हैं।
पूजा-अर्चना की विधि
सावन के पहले सोमवार पर भक्तगण भगवान भोलेनाथ की पूजा अलग-अलग तरीकों से करते हैं। पूजा विधि में निम्नलिखित प्रमुख अनुष्ठान शामिल हैं:
- पंचामृत स्नान: भगवान शिव की मूर्ति को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से स्नान कराया जाता है।
- बेलपत्र और धतूरा अर्पण: भगवान शिव को बेलपत्र और धतूरा चढ़ाया जाता है, जो उनकी प्रिय वस्तुएं मानी जाती हैं।
- चंदन: चंदन का तिलक लगाकर भगवान शिव को अर्पित किया जाता है।
- धूप-दीप: धूप और दीप जलाकर भगवान शिव की आरती की जाती है।
- मंत्र जाप: भक्त “ओम नमः शिवाय” और अन्य शिव मंत्रों का जाप करते हैं।
भक्तों की श्रद्धा
सावन के पहले सोमवार को भक्तगण बड़ी संख्या में मंदिरों में पहुंचते हैं। भक्त अपने परिवार और मित्रों के साथ मिलकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन को एक त्यौहार की तरह मनाया जाता है, और सभी आयु वर्ग के लोग इसमें शामिल होते हैं।
देशभर में उत्सव का माहौल
सावन के सोमवार का उत्सव देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। विशेषकर उत्तर भारत के राज्यों में इस दिन का विशेष महत्व होता है। लोग अपने-अपने इलाकों के प्रमुख शिवालयों में जाकर भगवान शिव की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
निष्कर्ष
Saavan के पहले सोमवार का दिन भक्तों के लिए अत्यधिक पवित्र और महत्वपूर्ण होता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करके भक्त अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। सावन के इस पावन महीने में भक्तगण भगवान शिव की भक्ति में लीन होकर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।