IIT Kanpur: Professor Arun Shukla की शोध टीम ने खोजी डफी एंटीजन रिसेप्टर की पूरी संरचना

IIT Kanpur: के जैविक विज्ञान और जैव अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर अरुण के. शुक्ला के नेतृत्व में एक शोध टीम ने डफी एंटीजन रिसेप्टर की पूरी संरचना का पहला विजुअलाइजेशन कर एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि हासिल की है। यह रिसेप्टर प्रोटीन, जो लाल रक्त कोशिकाओं और शरीर की अन्य कोशिकाओं की सतह पर पाया जाता है, कोशिका के भीतर प्रवेश के लिए एक मार्ग के रूप में कार्य करता है। यह मलेरिया परजीवी प्लास्मोडियम विवैक्स और बैक्टीरिया स्टेफिलोकोकस ऑरियस जैसे हानिकारक रोगजनकों के संक्रमण को सुगम बनाता है।

इस खोज पर आधारित शोध पत्र, जो प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पत्रिका ‘सेल’ में प्रकाशित हुआ है, एंटीमाइक्रोबियल दवा प्रतिरोध के क्षेत्र में काम कर रहे वैज्ञानिकों को नई जानकारी प्रदान करेगा। दवा प्रतिरोधी संक्रमणों की बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए, डफी रिसेप्टर की संरचना का विजुअलाइजेशन दवा प्रतिरोधी मलेरिया और स्टेफिलोकोकस संक्रमणों के लिए नई थेरेपी की खोज में मार्ग प्रशस्त करेगा।

यहां हमारे ट्विटर से जुड़ें

इस शोध टीम में IIT Kanpurर के प्रोफेसर अरुण कुमार शुक्ला, शिर्षा साहा, जगन्नाथ महाराणा, सलोनी शर्मा, नाश्रह जौदी, अन्नू दलाल, सुधा मिश्रा, मनीशंकर गांगुली, दिव्यांशु तिवारी, रामानुज बनर्जी और प्रोफेसर अरुण कुमार शुक्ला शामिल थे। इसके अलावा, टीम में लखनऊ के सीडीआरआई, स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख, कोरिया गणराज्य के सुवन, जापान के तोहोकू और यूनाइटेड किंगडम के बेलफास्ट के शोधकर्ता भी शामिल थे। इस शोध को मुख्य रूप से भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और अभियांत्रिकी अनुसंधान बोर्ड – एसईआरबी, डीबीटी वेलकम ट्रस्ट इंडिया एलायंस और आईआईटी कानपुर द्वारा वित्तपोषित किया गया था।

और पढ़ें

TAGGED:
Share This Article
Follow:
धर्मेंद्र वाजपेई : दैनिक भास्कर, शाह टाइम्स , लोकसत्य , पीसमेकर समेत देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र ,पत्रिकाओं में दायित्व निर्वहन के पश्चात वर्तमान मे विभिन्न प्रतिष्ठित इलेक्ट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में विगत 20 वर्षों से राजनैतिक, समसामयिक एवं अपराधिक खबरों पर स्वतंत्र विश्लेषक के रूप में सक्रिय हैं।
Exit mobile version