Mount Everest: शॉन ग्रीसले ने घर पर एवरेस्ट की ऊंचाई तक चढ़ाई कर बनाया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

Mount Everest: शॉन ग्रीसले ने घर पर एवरेस्ट की ऊंचाई तक चढ़ाई

Mount Everest: लास वेगास के शॉन ग्रीसले ने माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को बिना वहां गए ही अपने घर की सीढ़ियों पर चढ़कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। उन्होंने यह कारनामा 8,848.86 मीटर की ऊंचाई तय करके किया, जो माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई के बराबर है। उन्होंने यह चढ़ाई केवल 22 घंटे, 57 मिनट और 2 सेकंड में पूरी की, जिससे वे सीढ़ियों का उपयोग कर एवरेस्ट की ऊंचाई तक पहुंचने वाले सबसे तेज व्यक्ति बन गए हैं।

क्यों की शॉन ग्रीसले ने यह अनोखी चढ़ाई?

Mount Everest: शॉन ग्रीसले ने इस अनोखी चढ़ाई का उद्देश्य आत्महत्या रोकथाम के लिए धन जुटाना बताया। कोविड-19 महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य संघर्षों का सामना करने के बाद, ग्रीसले ने आत्महत्या रोकथाम की चैरिटी के लिए इस चढ़ाई को समर्पित किया। उन्होंने अपनी इस चढ़ाई को 3 और 4 सितंबर 2021 को यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीम किया, जिससे लगभग 34,000 रुपये ($409.85) जुटाए गए।

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चढ़ाई के दौरान ग्रीसले द्वारा बनाए गए नियम

चढ़ाई के दौरान ग्रीसले द्वारा बनाए गए नियम
चढ़ाई के दौरान ग्रीसले द्वारा बनाए गए नियम

Mount Everest: ग्रीसले ने इस चढ़ाई के दौरान कुछ खास नियम बनाए, जैसे कि सीढ़ियों पर चढ़ते समय हैंडरेल का उपयोग न करना, क्योंकि असली माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करते समय यह सुविधा नहीं होती है। उन्होंने खुद के लिए चुनौती को और कठिन बनाया और सीढ़ियों पर चढ़ते समय तकनीकी सहायक उपकरणों का भी सीमित उपयोग किया।

चढ़ाई के बाद कैसा था अनुभव?

Mount Everest: चढ़ाई पूरी करने के बाद ग्रीसले बेहद थक गए थे। उन्होंने बताया कि इस चढ़ाई के दौरान उन्होंने 10 पाउंड वजन कम किया और 9,788 कैलोरी बर्न कीं। उन्होंने चढ़ाई के दौरान 6 से 7 बार कपड़े बदले और 20 मिनट की एक छोटी सी नींद भी ली। चढ़ाई के बाद उन्होंने 6 बियर का आनंद लिया और मजाक में कहा कि “अगला दिन और भी मुश्किल होगा”। उनकी पत्नी ने भी हंसी-मजाक में कहा कि उन्हें व्हीलचेयर ऑर्डर करने की जरूरत पड़ेगी।

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शॉन ग्रीसले का मानसिक स्वास्थ्य पर संदेश

Mount Everest: शॉन ग्रीसले ने इस उपलब्धि को आत्महत्या रोकथाम के उद्देश्य से जोड़ा। उनके अनुसार, यह चैरिटी उनके दिल के करीब थी, क्योंकि कोविड-19 के दौरान उन्होंने खुद भी मानसिक समस्याओं का सामना किया था। उन्होंने बताया कि उनका यह प्रयास दूसरों को भी मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए था।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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