Varanasi: PM Modi के वाराणसी दौरे (Varanasi Visit) के दौरान एक बड़ा सुरक्षा उल्लंघन (Security Breach) सामने आया है। पीएम मोदी की बुलेटप्रूफ कार (Bulletproof Car) पर एक चप्पल (Sandal) फेंकी गई, जिससे सुरक्षा में सेंध (Security Lapse) का मामला उजागर हुआ है।
वीडियो में कैद हुई घटना
Varanasi: इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो गया है। वीडियो में दिखाया गया है कि भीड़भाड़ वाले इलाके से गुजरते समय प्रधानमंत्री के काफिले की ओर एक चप्पल फेंकी जाती है। यह वीडियो पीएम मोदी की सुरक्षा में गंभीर खामियों (Security Lapse) को दर्शाता है और सवाल उठाता है कि ऐसी स्थिति में सुरक्षा बलों (Security Forces) की प्रतिक्रिया कैसी होनी चाहिए।
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सुरक्षा में सेंध
इस घटना ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा (Prime Minister’s Security) को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पीएम मोदी की सुरक्षा का जिम्मा एसपीजी (SPG) पर है, जो हमेशा उनके चारों ओर एक अभेद्य सुरक्षा घेरा (Impenetrable Security Perimeter) बनाए रखती है। इसके बावजूद इस तरह की घटना का होना गंभीर चिंता का विषय है।
प्रतिक्रिया और जांच
Varanasi: इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियां (Security Agencies) सक्रिय हो गई हैं और मामले की जांच (Investigation) शुरू कर दी गई है। स्थानीय पुलिस (Local Police) और एसपीजी के अधिकारियों ने वीडियो की जांच कर यह पता लगाने की कोशिश की है कि चप्पल किसने फेंकी और यह कैसे संभव हुआ।
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सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा
इस घटना के बाद प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था (Security Arrangements) की समीक्षा की जा रही है। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा (Serious Threat) हो सकती हैं और इसे लेकर कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
सुरक्षा उल्लंघन पर राजनैतिक प्रतिक्रियाएं
Varanasi: PM Modi की सुरक्षा में इस तरह की सेंध के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों (Political Parties) ने भी प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी दलों (Opposition Parties) ने सरकार पर सुरक्षा में लापरवाही (Negligence) का आरोप लगाया है, जबकि सत्तारूढ़ दल (Ruling Party) ने घटना की गंभीरता को देखते हुए उचित कार्रवाई (Appropriate Action) की मांग की है।
Varanasi In PM Modi: निष्कर्ष
Varanasi: PM Modi की वाराणसी यात्रा के दौरान सुरक्षा उल्लंघन की यह घटना न केवल सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चेतावनी है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि उच्चस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी तरह की चूक (Lapse) गंभीर परिणाम (Serious Consequences) ला सकती है। इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियों को और सतर्क (Vigilant) रहने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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