India: 24 जुलाई की मध्यरात्रि को भारत ने 18 साल बाद एक अद्भुत खगोलीय घटना का अनुभव किया—शनि चंद्र ग्रहण। इस ग्रहण की शुरुआत रात 1:30 बजे हुई, और चंद्रमा ने शनि ग्रह को पूरी तरह से ढकने में केवल 15 मिनट का समय लिया। इस घटना के दौरान, शनि ग्रह चंद्रमा के पीछे से निकलते हुए देखा गया, जो कि 2:25 बजे से प्रारंभ हुआ।
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शनि चंद्र ग्रहण का विवरण:
शनि चंद्र ग्रहण एक दुर्लभ खगोलीय घटना है जिसमें चंद्रमा शनि ग्रह के रास्ते को पूरी तरह से ढक लेता है। यह घटना तब होती है जब चंद्रमा और शनि ग्रह अपनी गति के चलते एक विशेष स्थिति में आ जाते हैं, जिससे शनि ग्रह चंद्रमा के पीछे से उगता दिखता है। इस ग्रहण के दौरान शनि के छल्ले सबसे पहले दिखाई देते हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाते हैं।
विशेष दृश्यों की प्राप्ति:
दिल्ली और कोलकाता में इस शनि चंद्र ग्रहण के अद्भुत दृश्य देखे गए। इन शहरों से खगोलप्रेमियों ने इस दुर्लभ घटना की तस्वीरें कैप्चर कीं, जो अब सोशल मीडिया पर साझा की जा रही हैं। तस्वीरों में चंद्रमा और शनि के अद्वितीय संयोग को साफ-साफ देखा जा सकता है।
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अंतरराष्ट्रीय दृश्य:
भारत के अलावा, इस शनि चंद्र ग्रहण को पड़ोसी देशों श्रीलंका, म्यांमार और चीन में भी देखा गया। इन देशों में ग्रहण देखने का समय भारत से भिन्न था, लेकिन खगोलप्रेमियों ने इन क्षेत्रों से भी इस अद्भुत घटना की तस्वीरें साझा कीं।
ग्रहण के वैज्ञानिक पहलू:
शनि चंद्र ग्रहण का अध्ययन खगोलशास्त्र के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह ग्रहों की गति और स्थिति को समझने में मदद करता है। इस प्रकार के ग्रहण हमें शनि के छल्लों और उसके विशेष स्थानिक संबंधों का अध्ययन करने का अवसर प्रदान करते हैं।
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