नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट में तीसरी बार शामिल होने वाले राव एक समय पर शूटर रहे हैं और उनका राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प रहा है। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के चेहरे के रूप में सामने आने के 10 दिन बाद ही राव ने कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया था और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे।
राव का राजनीतिक सफर: राव का राजनीति में प्रवेश और उन्नति का सफर काफी रोचक है। उनके पिता एक समय में कांग्रेस के महत्वपूर्ण नेता थे और इसी दौरान इंदिरा गांधी उनसे मिलने चप्पल पहनकर आई थीं। राव का परिवार कांग्रेस पार्टी से लंबे समय तक जुड़ा रहा, लेकिन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की बढ़ती ताकत को देखकर राव ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया और भाजपा का दामन थाम लिया।
शूटिंग करियर: राजनीति में आने से पहले राव एक पेशेवर शूटर थे। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया और देश का प्रतिनिधित्व किया। उनके शूटिंग करियर ने उन्हें अनुशासन और दृढ़ता सिखाई, जो बाद में उनके राजनीतिक जीवन में काम आई।
मोदी के नेतृत्व में: राव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा में तेजी से प्रगति की। उनके नेतृत्व और संगठनात्मक क्षमताओं को देखते हुए उन्हें पहली बार मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया था। अब, तीसरी बार मोदी कैबिनेट में शामिल होने के बाद, राव की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।
इंदिरा गांधी से जुड़ी घटना: राव के पिता के साथ इंदिरा गांधी की मुलाकात की कहानी भी काफी प्रसिद्ध है। एक बार इंदिरा गांधी राव के पिता से मिलने उनके घर चप्पल पहनकर पहुंची थीं। यह घटना राव के परिवार के कांग्रेस से गहरे संबंधों को दर्शाती है।
निष्कर्ष: राव का कांग्रेस से भाजपा तक का सफर और तीसरी बार मोदी कैबिनेट में शामिल होना उनके राजनीतिक कौशल और नेतृत्व की पहचान है। उनके शूटर के रूप में बिताए गए दिनों ने उन्हें अनुशासन और दृढ़ता सिखाई, जो आज उनके राजनीतिक जीवन में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।