बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट ने सफलतापूर्वक धरती पर लैंडिंग कर ली है, हालांकि इसमें सवार अंतरिक्ष यात्री Sunita विलियम्स और बुच विल्मोर इस बार वापसी नहीं कर सके। भारतीय समयानुसार सुबह करीब 9:30 बजे न्यू मैक्सिको के व्हाइट सैंड्स स्पेस हार्बर में यह स्पेसक्राफ्ट सुरक्षित रूप से उतरा। इस मिशन के दौरान तकनीकी खामियों के कारण नासा ने क्रू को बिना वापस लाने का निर्णय लिया था।
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स्टारलाइनर मिशन की चुनौतियाँ: 5 जून को स्टारलाइनर ने अंतरिक्ष यात्री Sunita विलियम्स और बुच विल्मोर को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंचाया था, लेकिन थ्रस्टर में खराबी और हीलियम लीकेज की समस्या के चलते इसकी वापसी में देरी हुई। नासा और बोइंग ने सुरक्षा कारणों से अंतरिक्ष यात्रियों को अन्य स्पेसक्राफ्ट, स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल, के जरिए वापस लाने का फैसला किया। अब यह दोनों अंतरिक्ष यात्री फरवरी 2025 तक स्पेस स्टेशन पर रुकेंगे।
लैंडिंग का सफर: स्टारलाइनर भारतीय समयानुसार सुबह 3:30 बजे स्पेस स्टेशन से अलग हुआ और लगभग 6 घंटे बाद 9:32 बजे व्हाइट सैंड्स स्पेस हार्बर में लैंड हुआ। लैंडिंग के समय 3 पैराशूट खुले, जिससे स्पेसक्राफ्ट सुरक्षित तरीके से धरती पर पहुंचा।
8 दिन का मिशन 8 महीने में तब्दील: स्टारलाइनर मिशन की अवधि सिर्फ 8 दिन की थी, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण यह मिशन अब 8 महीने तक खिंच गया है। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर, जो नासा के क्रू9 मिशन का हिस्सा हैं, अब स्पेसएक्स के माध्यम से वापसी करेंगे।