Surat Diamond Industry: सूरत, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा हीरा कटाई और पॉलिशिंग केंद्र माना जाता है, वर्तमान में वैश्विक बाजार में गिरती मांग के कारण काम के घंटे और मजदूरी में कटौती कर रहा है। सूरत की 5,000 डायमंड यूनिट्स जो 10 लाख से अधिक कर्मचारियों को रोजगार देती हैं, ने अपने काम के घंटे 12 घंटे से घटाकर 8 घंटे कर दिए हैं और साप्ताहिक छुट्टियां भी एक से बढ़ाकर तीन कर दी हैं। इसका सीधा प्रभाव कर्मचारियों की मजदूरी पर पड़ा है, जिससे आर्थिक संकट और गहरा गया है।
Surat Diamond Industry: वैश्विक मांग में गिरावट का असर
Surat Diamond Industry: सूरत के डायमंड उद्योग पर यह प्रभाव हाल ही में समाप्त हुए हांगकांग ज्वेलरी शो के बाद से देखने को मिल रहा है। इस शो में चीन से उम्मीद के मुताबिक खरीदार नहीं आए, जिससे डायमंड की अंतरराष्ट्रीय मांग में और गिरावट आई है। हांगकांग चीन के खरीदारों के लिए एक प्रमुख डायमंड हब है, लेकिन इस बार खरीदारों की कमी के कारण सूरत के डायमंड निर्यात में गिरावट दर्ज की गई है।
यह गिरावट अंतरराष्ट्रीय आर्थिक अस्थिरता, अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और वैश्विक मंदी जैसी चुनौतियों के कारण हो रही है। चीन, जो सूरत से डायमंड का प्रमुख खरीदार रहा है, अब मांग में कमी दिखा रहा है, जिससे सूरत की डायमंड यूनिट्स को अपने उत्पादन और कार्य संरचना में बदलाव करना पड़ रहा है।
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Surat Diamond Industry: काम की संरचना और मजदूरी में बदलाव
Surat Diamond Industry: कम होती मांग का सीधा असर सूरत के डायमंड कर्मचारियों पर पड़ा है। अब काम के घंटे 12 से घटाकर 8 घंटे कर दिए गए हैं और सप्ताह में 1 की जगह 3 छुट्टियां दी जा रही हैं। हालांकि, इससे कर्मचारियों के वर्कलोड में कमी आई है, लेकिन उनकी मजदूरी में भी बड़ी कटौती हुई है।
डायमंड कटिंग और पॉलिशिंग उद्योग में मजदूरी उत्पादकता पर आधारित होती है, यानी जितना काम करेंगे उतनी मजदूरी मिलेगी। इसलिए काम के घंटों में कमी के चलते उनकी आय में भी गिरावट आई है, जिससे उनकी जीवनशैली पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।
Surat Diamond Industry: वैश्विक डायमंड उद्योग की चुनौतियाँ
Surat Diamond Industry: सूरत के डायमंड उद्योग की यह स्थिति वैश्विक डायमंड बाजार में मंदी का हिस्सा है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में डायमंड की मांग और कम हो सकती है। चीन और अमेरिका जैसे प्रमुख बाजारों में मांग में गिरावट, बढ़ती महंगाई, और वैश्विक राजनीतिक तनाव ने इस उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया है।
इसके अलावा, रूस-यूक्रेन युद्ध और विभिन्न व्यापार प्रतिबंधों ने डायमंड के प्रवाह को भी बाधित किया है। इन कारणों से डायमंड कंपनियां अपने उत्पादन और कार्यबल में कटौती करने पर मजबूर हो गई हैं।
हालांकि सूरत की डायमंड यूनिट्स मौजूदा मंदी के अनुसार खुद को ढाल रही हैं, लेकिन इसका दीर्घकालिक प्रभाव अभी अनिश्चित है। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार होता है, तो डायमंड की मांग में फिर से वृद्धि हो सकती है।
इस बीच, सूरत की कंपनियां नए बाजारों जैसे दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व में संभावनाएं तलाश रही हैं। इसके अलावा, डायमंड कटिंग तकनीक में स्वचालन (ऑटोमेशन) और नवाचार को बढ़ावा देकर लागत में कमी की कोशिश की जा रही है।