Defence Deal: हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए भारत ने खरीदे 31 प्रीडेटर ड्रोन्स

Defence Deal: हिंद महासागर में जिस तरह से चीन अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिशों में जुटा है, उसे देखते हुए भारतीय नौसेना भी अपनी क्षमताओं में इजाफा कर रही है। अब प्रीडेटर ड्रोन्स मिलने के बाद नौसेना की ताकत में काफी बढ़ोतरी होगी।

भारत ने अमेरिका के साथ 31 प्रीडेटर ड्रोन्स खरीदने का सौदा कर लिया है। दोनों देशों के बीच इस सौदे पर दोनों पक्षों ने हस्ताक्षर किए। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। लंबे समय से दोनों देशों के बीच इस सौदे को लेकर बातचीत चल रही थी। यह सौदा 32 हजार करोड़ रुपये का है। इससे समुद्र से लेकर सतह और आसमान तक भारत की मारक और निगरानी क्षमता में प्रभावी वृद्धि होगी। रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने बीते हफ्ते ही इस सौदे को अपनी मंजूरी दी थी। भारत में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों और सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में सौदे पर हस्ताक्षर हुए।

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अमेरिका के दौरे पर हुआ था प्रीडेटर ड्रोन्स सौदे का एलान

Defence Deal: भारत द्वारा 31 प्रीडेटर ड्रोन्स खरीदने के रक्षा सौदे का एलान प्रधानमंत्री मोदी के बीते साल अमेरिका दौरे पर किया गया था। इस सौदे की अहमियत को लेकर अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था कि इस सौदे से दोनों देशों के रणनीतिक तकनीक सहयोग और सैन्य सहयोग में उल्लेखनीय इजाफा होगा। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, प्रीडेटर ड्रोन्स एमक्यू-9बी के मिलने से भारतीय नौसेना की हिंद महासागर में निगरानी की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। ये प्रीडेटर ड्रोन्स अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स से खरीदे जाएंगे। यह सौदा भारत और अमेरिका की सरकारों के बीच विदेशी सैन्य बिक्री अनुबंध के तहत हुआ है। सौदे के तहत मिलने वाले 31 प्रीडेटर ड्रोन्स में से भारतीय नौसेना को 15 ड्रोन्स मिलेंगे। वहीं वायुसेना और थल सेना को 8-8 ड्रोन्स मिलेंगे।

भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत

Defence Deal: हिंद महासागर में जिस तरह से चीन अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिशों में जुटा है, उसे देखते हुए भारतीय नौसेना भी अपनी क्षमताओं में इजाफा कर रही है। अब प्रीडेटर ड्रोन्स मिलने के बाद नौसेना की ताकत में काफी बढ़ोतरी होगी क्योंकि सीमाओं की निगरानी रखने में यह प्रीडेटर ड्रोन्स बहुत मददगार साबित होंगे। मंगलवार को भारत और अमेरिका के बीच दो समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, जिसमें एक समझौते के तहत अमेरिका से भारत को 31 प्रीडेटर ड्रोन्स मिलेंगे। वहीं दूसरे समझौते के तहत इन ड्रोन्स के देश में ही रखरखाव, मरम्मत की सुविधा स्थापित की जाएगी। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से कुछ हफ्ते पहले ही इस रक्षा सौदे पर हस्ताक्षर हुए हैं। जनरल एटॉमिक्स के सीईओ विवेक लाल भी सौदे पर हस्ताक्षर के समय दिल्ली में मौजूद रहे।

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बेहद खास हैं प्रीडेटर ड्रोन

Defence Deal: एमक्यू-9बी रीपर या प्रीडेटर ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये ड्रोन 40 हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर करीब 40 घंटे तक उड़ान भर सकता है। यह ड्रोन सर्विलांस और हमले के लिहाज से बेहतरीन है और हवा से जमीन पर सटीक हमले करने में सक्षम हैं। यह हर प्रकार के मौसम में 40 घंटे से अधिक समय तक उपग्रह के माध्यम से उड़ान भर सकता है। अपनी क्षमताओं की वजह से प्रीडेटर ड्रोन को मानवीय सहायता/आपदा राहत, खोज और बचाव, कानून प्रवर्तन, विरोधी सतह युद्ध, पनडुब्बी रोधी युद्ध, एयरबोर्न माइन काउंटरमेसर, लंबी दूरी की रणनीतिक आईएसआर, ओवर-द-एयर लक्ष्यीकरण, पनडुब्बी रोधी युद्ध में इस्तेमाल किया जा सकता है|

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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