Vantara Wildlife Rescue Center: जिसे वंतारा (Vantara) वाइल्डलाइफ रेस्क्यू सेंटर के नाम से जाना जाता है, दक्षिण अफ्रीका से भारत में भेजे गए चीतों, बाघों और तेंदुओं जैसे वन्यजीवों के निर्यात को लेकर विवादों में घिर गया है। वाइल्डलाइफ एनिमल प्रोटेक्शन फोरम ऑफ साउथ अफ्रीका (WAPFSA) ने दक्षिण अफ्रीका के पर्यावरण मंत्री डियोन जॉर्ज को पत्र लिखकर इस मामले की जांच की मांग की है।
WAPFSA ने उठाए कानूनी सवाल
फोरम का कहना है कि इन वन्यजीवों का निर्यात वास्तविक संरक्षण और पुनर्वास के बजाय व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया गया हो सकता है। संगठन ने दक्षिण अफ्रीका से भारत भेजे गए 56 चीतों को लेकर भी सवाल उठाए हैं और उनके मूल स्थान और दस्तावेजों की पारदर्शिता पर चिंता व्यक्त की है।
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क्या है अनंत अंबानी वाइल्डलाइफ प्रोजेक्ट?
अनंत अंबानी वाइल्डलाइफ प्रोजेक्ट, जिसे आधिकारिक रूप से वंतारा कहा जाता है, 26 फरवरी 2024 को लॉन्च किया गया था और 3 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विश्व वन्यजीव दिवस (World Wildlife Day) के अवसर पर उद्घाटन किया गया। यह केंद्र दुनिया भर से बचाए गए वन्यजीवों को सुरक्षित पर्यावरण प्रदान करने का दावा करता है।
यह विवादास्पद क्यों है?
CITES नियमों का संभावित उल्लंघन – विशेषज्ञों को संदेह है कि इस वन्यजीव व्यापार के लिए आवश्यक कानूनी अनुमतियां पूरी तरह से ली गई थीं या नहीं।
बचाव या व्यावसायिक व्यापार? – चिंता जताई जा रही है कि इन जानवरों का उपयोग पुनर्वास के बजाय व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
दस्तावेजों की पारदर्शिता की कमी – WAPFSA ने इस निर्यात से जुड़े दस्तावेजों और जानवरों की उत्पत्ति को लेकर स्पष्टता की मांग की है।
निष्कर्ष
अनंत अंबानी वाइल्डलाइफ प्रोजेक्ट को भारत में एक प्रमुख वन्यजीव संरक्षण पहल के रूप में प्रस्तुत किया गया है, लेकिन इसके अंतरराष्ट्रीय पशु हस्तांतरण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। CITES दिशानिर्देशों का पालन और पूरी पारदर्शिता इस मामले में उठ रही चिंताओं का समाधान करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।