Indian Railway Network दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है, जो अमेरिका, चीन और रूस के बाद चौथे स्थान पर आता है। भारतीय रेलवे में हर दिन 20,000 से अधिक ट्रेनें चलती हैं और 2 करोड़ से अधिक लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती हैं। इनमें से करीब 13,000 यात्री ट्रेनें हैं। इतने बड़े नेटवर्क में आमने-सामने की टक्करें तो बहुत कम होती हैं, लेकिन ट्रेन के पटरी से उतरने की घटनाएं अक्सर सुनने को मिलती हैं।
ट्रेन के पटरी से उतरने के कई कारण हो सकते हैं:
- यांत्रिक दोष: रेलवे ट्रैक पर लगे उपकरणों में खराबी के कारण ट्रेनें पटरी से उतर सकती हैं। ट्रैक के फास्टनिंग सिस्टम में खराबी, टूटे हुए रेल, या ट्रैक की संरचनात्मक समस्याएं प्रमुख कारण हो सकते हैं।
- पटरियों में दरार: लगातार दबाव और तापमान में बदलाव के कारण पटरियों में दरारें पड़ सकती हैं, जो ट्रेन के पटरी से उतरने का कारण बनती हैं।
- ढीले बंधन: ट्रेन के डिब्बों को बांधने वाले उपकरणों का ढीला होना भी एक प्रमुख कारण है। नियमित निरीक्षण और समय पर मरम्मत से इसे रोका जा सकता है।
- धुरी की विफलता: ट्रेन की धुरी, जो बोगी को समर्थन देती है, टूट सकती है, जिससे ट्रेन पटरी से उतर सकती है। यह निर्माण दोष या समय के साथ होने वाले पहनाव के कारण हो सकता है।
- पहनाई और घिसाई: ट्रेनों के पहियों और पटरियों के बीच लगातार घिसाई के कारण भी पटरी से उतरने की घटनाएं होती हैं।
- संरचनात्मक बदलाव: गर्मियों में पटरियों की संरचना में बदलाव के कारण भी ट्रेनें पटरी से उतर सकती हैं।
- अचानक ब्रेक लगाना या मोड़ना: तेज गति से चलती ट्रेन को अचानक मोड़ना या ब्रेक लगाना भी पटरी से उतरने का कारण बन सकता है।
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रोकथाम के उपाय
इन समस्याओं को रोकने के लिए नियमित निरीक्षण और समय पर मरम्मत आवश्यक है। ट्रैक की संरचना की लगातार जांच और थोड़ी भी गड़बड़ी होने पर तुरंत सुधार कार्य से इन घटनाओं को रोका जा सकता है।
क्या टक्कर रोधी तकनीक मददगार हो सकती है?
कवच जैसी टक्कर रोधी तकनीक ट्रेन के पटरी से उतरने की घटनाओं को रोकने में सक्षम नहीं है। यह प्रणाली ट्रेन की टक्कर को रोकने के लिए बनाई गई है, न कि पटरी से उतरने के लिए। हालांकि, इस तकनीक का उपयोग उन घटनाओं को रोकने में मदद कर सकता है जहां ट्रेनों की आमने-सामने की टक्कर की संभावना होती है।
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भारतीय रेलवे में ट्रेन के पटरी से उतरने की घटनाओं को रोकने के लिए नियमित निरीक्षण, समय पर मरम्मत और उपकरणों की देखभाल अत्यंत आवश्यक है। टक्कर रोधी तकनीकें टक्कर रोकने में सहायक हो सकती हैं, लेकिन पटरी से उतरने की घटनाओं को रोकने के लिए ट्रैक और उपकरणों की उचित देखरेख महत्वपूर्ण है।
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