प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे पर अमेरिका ने नाराजगी जताई है। नाटो समिट के बीच पीएम मोदी की रूस यात्रा और राष्ट्रपति पुतिन के साथ मुलाकात पर बाइडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
अमेरिकी सरकार की नाराजगी
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी वरिष्ठ अधिकारियों ने नाटो समिट के बीच पीएम मोदी के रूस दौरे और पुतिन से गले मिलने की तस्वीरों पर नाराजगी जाहिर की है। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि पीएम मोदी का रूस दौरा अमेरिका के लिए असहज और मुश्किल था। उनके दौरे की टाइमिंग ने अमेरिका को कई सवाल उठाने पर मजबूर कर दिया है। नाटो समिट का आयोजन 9 से 11 जुलाई तक वॉशिंगटन में हुआ था, जिसमें यूक्रेन पर रूस के हमले पर चर्चा हुई थी।
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अमेरिका की दोस्ती को फॉर ग्रांटेड न ले भारत
अमेरिका के डिप्टी सेक्रेटरी ऑफ स्टेट कर्ट कैम्पबेल ने विदेश सचिव विनय क्वात्रा से बातचीत में उम्मीद जताई थी कि मोदी और पुतिन की मुलाकात नाटो समिट के दौरान नहीं होगी।
अमेरिका में भारतीय राजदूत एरिक गार्सेटी ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अप्रत्यक्ष तौर पर पीएम मोदी और पुतिन की मीटिंग की आलोचना करते हुए कहा था कि भारत को अमेरिका की दोस्ती को फॉर ग्रांटेड नहीं लेना चाहिए। इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने रूस के साथ लंबी अवधि की मित्रता को लेकर भारत को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि किसी भी संघर्ष में रूस, भारत की तुलना में चीन को प्राथमिकता देगा। रूस की नजदीकियां चीन के साथ बढ़ रही हैं और वह चीन का जूनियर पार्टनर बनता जा रहा है। रूस किसी भी दिन किसी भी मामले में भारत की तुलना में चीन को चुनेगा।
रूस को पीएम मोदी ने बताया सदाबहार दोस्त
पीएम मोदी का दो दिनों का रूस दौरा काफी चर्चा में रहा। इस दौरान उन्होंने मॉस्को में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए दोनों देशों के बीच के संबंधों पर बात की। प्रधानमंत्री ने कहा था कि पिछले दस सालों में वह छठी बार रूस आए हैं और राष्ट्रपति पुतिन से उनकी 17 बार मुलाकात हुई है। ये सभी मुलाकातें विश्वास और सम्मान को बढ़ाने वाली रही हैं। जब भारतीय छात्र संघर्ष के बीच फंसे थे, तो पुतिन ने उन्हें वापस भारत पहुंचाने में मदद की थी। इसके लिए पीएम मोदी ने पुतिन और रूसी जनता का आभार व्यक्त किया।
पीएम मोदी ने कहा था कि भारत और रूस कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। भारत और रूस के बीच का अनोखा रिश्ता है। मैं इस रिश्ते का कायल हूं। दोनों देशों की दोस्ती सदा बरकरार रहेगी। हर बार हमारी दोस्ती और मजबूत होकर उभरी है। रूसी भाषा में ‘druzhba’ का मतलब हिंदी में दोस्ती है, और यही शब्द दोनों देशों के संबंधों का परिचायक है।