रील लाइफ हो या रियल लाइफ, आपने देखा होगा कि जब भी पुलिस किसी क्राइम सीन पर पहुंचती है, तो वहां सबसे पहले पीला टेप लगाकर उस क्षेत्र को घेर देती है। पीला रंग का टेप क्राइम सीन को सीमित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पुलिस पीले रंग का ही टेप क्यों इस्तेमाल करती है, लाल या नीले रंग का क्यों नहीं? आइए जानें इसके पीछे का विज्ञान।
पीले रंग की विज्ञानिक खासियत
दरअसल, पीला रंग आंखों के लिए सबसे जल्दी नजर आने वाला और ध्यान खींचने वाला रंग होता है। यह रंग चेतावनी और सावधानी का प्रतीक भी माना जाता है। यही कारण है कि रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थानों पर भी अक्सर पीले रंग का इस्तेमाल किया जाता है ताकि यात्री उसे दूर से देख सकें।
कानूनी मानक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव
कई देशों में, विशेषकर भारत और अमेरिका में, कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों में पीले रंग का इस्तेमाल सामान्य बात है। अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार, यह रंग आसानी से पहचाना जा सकता है और सार्वजनिक रूप से यह संदेश देता है कि उस क्षेत्र में कोई कानूनी कार्यवाही चल रही है।
मनोवैज्ञानिक प्रभाव
पीले टेप या पट्टी लगाने के पीछे एक मनोवैज्ञानिक कारण भी है। यह लोगों के मन में एक मानसिक अवरोध उत्पन्न करता है। जब लोग इस पीली पट्टी को देखते हैं, तो उनके दिमाग में यह संकेत स्पष्ट हो जाता है कि यह एक संवेदनशील क्षेत्र है और यहां जाने से कानून प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो सकती है। कुल मिलाकर, पीला रंग केवल चेतावनी का प्रतीक नहीं, बल्कि एक मनोवैज्ञानिक बैरियर भी है जो लोगों को बिना किसी निर्देश के ही रोक देता है।