Yoga During Periods: क्या पीरियड्स में योग करना चाहिए? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Yoga During Periods: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आप लाइफस्टाइल में योग को शामिल कर सकते हैं। योग शरीर के सभी अंगों के संचालन के लिए उपयोगी होता है। इससे इम्यूनिटी बूस्ट होती है और आपको इंफेक्शन का खतरा कम होता है। लेकिन सवाल ये है कि क्या पीरियड्स के दौरान भी आप योग और एक्सरसाइज कर सकते हैं? मासिक धर्म (पीरियड्स) महिला के प्रजनन स्वास्थ्य का एक स्वाभाविक और आवश्यक हिस्सा है। इसमें हार्मोनल उतार-चढ़ाव होता है, जिससे पेट में ऐंठन, थकान, मूड स्विंग और सूजन हो सकती है। इन लक्षणों को कम करने के लिए योग और एक्सरसाइज को लाइफस्टाइल का हिस्सा बना सकते हैं। इस विषय पर योगा इंस्ट्रक्टर ने बताया कि महिलाओं को पीरियड्स के दौरान भी योग और एक्सरसाइज करनी चाहिए।

पीरियड्स के दौरान योग के लाभ

अधिकतर महिलाएं पीरियड्स के समय एक्सरसाइज और योग अभ्यास को बंद कर देती हैं। लेकिन, एक्सपर्ट्स की मानें तो योग पीरियड्स के दौरान होने वाले लक्षणों को दूर करने में सहायक होता है। इस दौरान हल्के योग आसन करने की सलाह दी जाती है। इससे महिलाओं का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और उनकी एनर्जी बनी रहती है। इसके साथ ही पेट के निचले हिस्से में होने वाली ऐंठन में राहत मिलती है।

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हार्मोन को करें बैलेंस

शरीर के कई हार्मोन्स का सीधा संबंध मस्तिष्क से होता है, जब महिलाएं पीरियड्स के दौरान प्राणायाम करती हैं, तो इससे उनका मस्तिष्क शांत होता है। जिसकी वजह से शरीर में होने वाला अनियंत्रित हार्मोन बैलेंस होने लगता है। प्राणायाम का अभ्यास पीरियड्स के दौरान बेहद फायदेमंद हो सकता है क्योंकि यह हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने में मदद करता है।

तनाव को दूर करने में मददगार

पीरियड्स के दौरान हार्मोन के उतार-चढ़ाव की वजह से अधिकतर महिलाओं को मूड स्विंग की समस्या का सामना करना पड़ता है। लेकिन, योग क्रिया से आप इस समय होने वाले तनाव को आसानी से दूर कर सकते हैं। ध्यान क्रिया और प्राणायाम की मदद से मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त किया जा सकता है, जिससे मूड स्विंग और तनाव कम हो जाता है।

पेट की ऐंठन को करें दूर

महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पेट में ऐंठन महसूस होती है। इस समय गहरी सांस संबंधी योग आसन करने से ऑक्सीजन का स्तर बेहतर होता है और इससे गर्भाशय में पड़ने वाला दबाव कम होता है। साथ ही, महिलाओं को पेट में होने वाले ऐंठन में आराम मिलता है। जैसे कि बालासन और सुप्त बद्ध कोणासन जैसे योग आसन इस दौरान बेहद फायदेमंद होते हैं।

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नींद के लिए आवश्यक

योग करने से महिलाओं को शरीर में होने वाले दर्द से आराम मिलता है और वह बेहतर नींद ले पाती हैं। इससे उनका तनाव दूर होता है और शरीर तेजी से रिकवर होता है। योगा निंद्रा और शवासन जैसी योग मुद्राएं नींद में सुधार और दर्द में राहत दिलाने में मदद करती हैं।

क्या पीरियड्स के दौरान योग करने से स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव पड़ता है?

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नहीं, पीरियड्स के दौरान योग करने से कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। बल्कि, यह दर्द और अन्य लक्षणों को कम करने में सहायक होता है।

कौन से योग आसन पीरियड्स के दौरान करने चाहिए?

पीरियड्स के दौरान हल्के योग आसन जैसे बालासन, सुप्त बद्ध कोणासन, और शवासन करना फायदेमंद होता है। इन आसनों से ऐंठन और दर्द में राहत मिलती है।

क्या प्राणायाम पीरियड्स के दौरान फायदेमंद है?

हां, प्राणायाम पीरियड्स के दौरान बहुत फायदेमंद होता है। यह मानसिक शांति प्रदान करता है और हार्मोनल बैलेंस को सुधारता है।

पीरियड्स के दौरान ध्यान क्रिया कैसे मदद करती है?

ध्यान क्रिया पीरियड्स के दौरान तनाव को कम करने और मानसिक शांति पाने में मदद करती है। इससे मूड स्विंग और चिंता कम होती है।

क्या योग निंद्रा पीरियड्स के दौरान फायदेमंद है?

हां, योग निंद्रा पीरियड्स के दौरान बहुत फायदेमंद होती है। इससे नींद में सुधार होता है और दर्द में राहत मिलती है।

क्या पीरियड्स के दौरान सभी प्रकार की एक्सरसाइज करनी चाहिए?

पीरियड्स के दौरान हल्की और आरामदायक एक्सरसाइज जैसे योग और स्ट्रेचिंग करनी चाहिए। इससे शरीर को राहत मिलती है और ऊर्जा बनी रहती है।

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