UP: Lohia जिला अस्पताल परिसर में बुधवार रात को खड़ी एक एंबुलेंस में संदिग्ध परिस्थितियों में भीषण आग लग गई। यह घटना रात करीब आठ बजे हुई, जब एंबुलेंस के अगले हिस्से में अचानक आग लग गई और कुछ ही मिनटों में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया, जिससे पूरे परिसर में हड़कंप मच गया।
घटनाक्रम और प्राथमिक प्रतिक्रियाएँ:
जब एंबुलेंस में आग लगी, चालक दल सिंह और ईएमटी मनोज अजमतपुर से लौटे थे और पार्क के पास एंबुलेंस खड़ी कर पानी पीने और डिटेल्स अपलोड करने के लिए उतरे थे। अचानक आग लगने की घटना ने त्वरित प्रतिक्रिया की आवश्यकता पैदा कर दी।
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एंबुलेंस कर्मियों ने अपनी तरफ से आग बुझाने के प्रयास किए। उन्होंने एंबुलेंस में मौजूद फायर सिलेंडरों का उपयोग किया, लेकिन आग की तीव्रता इतनी अधिक थी कि ये सिलेंडर असफल रहे। इसके बाद, एंबुलेंस कर्मियों ने बाल्टियों में पानी भरकर आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन आग की लपटें इतनी तेज़ थीं कि यह प्रयास भी काफी कठिन हो गया।
फायर ब्रिगेड की भूमिका:
आग की स्थिति को गंभीर देखते हुए, तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचित किया गया। लगभग 8:15 बजे फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंची और करीब 10 मिनट की मेहनत के बाद आग पर पूरी तरह से काबू पाया गया। फायर ब्रिगेड की टीम ने आग को नियंत्रित करने के लिए तेज़ और प्रभावी कदम उठाए, जिससे एक बड़े हादसे को टाला जा सका।
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आग के कारण और नुकसान:
आग लगने के कारण की अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है और इसकी जांच की जा रही है। हालांकि, इस घटना में एंबुलेंस का अगला हिस्सा पूरी तरह से जल गया है, जिससे इसके उपयोग में समस्या आई है। आग बुझाने के दौरान कई छोटे फायर सिलेंडर भी खाली हो गए, जिससे और भी कठिनाई उत्पन्न हुई।
आगे की कार्रवाई:
UP: Lohia इस घटना के बाद, अस्पताल प्रशासन और संबंधित विभागों ने एंबुलेंस की सुरक्षा और अग्निशामक उपायों की समीक्षा करने का निर्णय लिया है। सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा और सुधार पर जोर दिया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
इस घटना ने जिला अस्पताल के सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाए हैं और इस तरह की आपातकालीन स्थितियों के लिए बेहतर तैयारी की आवश्यकता को उजागर किया है।
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