Allahabad High Court में एक महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई हो रही है, जिसमें कहार जाति को अनुसूचित जाति (एससी) में शामिल करने की मांग की गई है। इस याचिका को धुरिया जनजाति सेवा संस्थान के अध्यक्ष राम अवध गोंड ने दाखिल किया है।
कहार जाति की स्थिति और याचिका का मुख्य बिंदु
याचिका में आरोप लगाया गया है कि कहार जाति को यूपी और केंद्र सरकार दोनों ने ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) की सूची में रखा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि कहार जाति एक विशेष जाति नहीं बल्कि पेशेवर काम करने वालों का एक समूह है। इसके अलावा, याचिका में यह भी कहा गया है कि अन्य राज्यों में कहार समुदाय को एससी या एसटी (अनुसूचित जनजाति) की श्रेणी में रखा गया है।
अगली सुनवाई की तारीख
हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 15 अक्टूबर की तारीख तय की है और सरकार से जवाब तलब किया है। यह सुनवाई तय करेगी कि कहार जाति को उत्तर प्रदेश में भी अनुसूचित जाति का दर्जा मिलेगा या नहीं।