Allahabad: लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी द्वारा पेश की गई ‘घर घर गारंटी’ योजना के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में कांग्रेस पार्टी पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है और भारतीय निर्वाचन आयोग को भी पक्षकार बनाया गया है।
याचिका की मुख्य बातें:
- आरोप और मांगें:
- याचिका में आरोप लगाया गया है कि ‘घर घर गारंटी’ योजना के माध्यम से कांग्रेस पार्टी मतदाताओं को प्रलोभन देकर वोट ले रही है।
- याचिका में कांग्रेस के सभी 99 निर्वाचित सांसदों की सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है।
- याचिका लंबित रहने तक कांग्रेस के सांसदों को सदन की कार्यवाही में भाग लेने से रोकने की भी अपील की गई है।
- इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी की राजनीतिक दल के रूप में मान्यता को निलंबित करने की मांग भी की गई है।
- पृष्ठभूमि और योजनाएं:
- यह जनहित याचिका फतेहपुर निवासी भारती देवी द्वारा दायर की गई है, जिन्होंने अधिवक्ता शाश्वत आनंद के माध्यम से इसे दायर किया।
- कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 3 अप्रैल को गारंटी कार्ड योजना की शुरुआत की थी।
- इस योजना के तहत देश के 8 करोड़ मतदाताओं तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया था। गारंटी कार्ड में हर गरीब परिवार की महिला मुखिया को सालाना 1 लाख रुपए देने का वादा किया गया था।
- कानूनी आधार:
- याचिका में दावा किया गया है कि यह योजना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 123(1)(ए) के तहत रिश्वतखोरी मानी जाती है।
- भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 171बी और 171ई के तहत भी इसे दंडनीय करार दिया गया है।
संबंधित अधिकारियों का रुख:
Allahabad द्वारा इस याचिका की सुनवाई जारी है और इसके परिणामों पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं। इस मामले में निर्वाचन आयोग और अन्य संबंधित अधिकारियों से भी जानकारी मांगी जा सकती है।