बलिया: उत्तर प्रदेश-बिहार सीमा पर बलिया में एक चौंकाने वाले खुलासे में, पुलिस अधिकारियों को बिहार से आने वाले ट्रकों से अवैध धन वसूलते पकड़ा गया है। इस रैकेट का पर्दाफाश होने के बाद, सिपाहियों से लेकर एसपी तक के अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एएसपी और एसपी को तुरंत उनके पदों से हटा दिया है, जबकि कई सिपाही और सीओ निलंबित कर दिए गए हैं।
प्रति माह ₹1.5 करोड़ की अवैध आय
कार्रवाई से पता चला कि इस रैकेट से हर महीने लगभग ₹1.5 करोड़ की अवैध आय होती थी। हर रात लगभग 1,000 ट्रक इस सीमा से गुजरते थे, और प्रत्येक चालक से पुलिस अधिकारी अवैध रूप से ₹500 वसूलते थे। यह रैकेट पुलिस अधिकारियों को हर रात लगभग ₹5 लाख कमाने की अनुमति देता था।
स्कैंडल का पर्दाफाश करने वाली छापेमारी
एडीजी और डीआईजी ने पुलिस अधिकारियों द्वारा लगातार वसूली की शिकायतों के बाद संयुक्त रूप से भरौली चेक पोस्ट पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान, दो पुलिस अधिकारी रंगे हाथ पकड़े गए, साथ ही 16 बिचौलियों को भी गिरफ्तार किया गया जो इस रैकेट में शामिल थे।
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डीआईजी की छापेमारी ने उजागर की वसूली योजना
आजमगढ़ रेंज के डीआईजी वैभव कृष्ण, जिन्होंने छापेमारी का नेतृत्व किया, ने बताया कि उन्होंने बिहार-यूपी सीमा के पास नरही थाना क्षेत्र में भरौली चौराहे पर साधारण कपड़ों में एक गुप्त अभियान चलाया। पता चला कि पुलिस अधिकारी प्रति वाहन ₹500 वसूल रहे थे, और हर रात लगभग 1,000 ट्रक इस सीमा से गुजरते थे।
योगी सरकार की त्वरित कार्रवाई
खुलासे के जवाब में, राज्य सरकार ने पूरे कोरंटाडेह चौकी को निलंबित कर दिया। आरोपी पुलिस अधिकारियों को बिहार-यूपी सीमा पर शराब, पशु तस्करी और लाल बालू की तस्करी में शामिल लोगों से अवैध धन वसूलते पाया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत बलिया के एसपी और एएसपी को उनके पदों से हटा दिया और आईपीएस अधिकारी विक्रांत वीर को बलिया का नया एसपी नियुक्त किया।
इसके अलावा, संबंधित सीओ, एसएचओ और चौकी प्रभारियों की संपत्ति की सतर्कता जांच के आदेश जारी किए गए हैं। छापेमारी के दौरान हेड कांस्टेबल हरदयाल सिंह को गिरफ्तार किया गया, जिससे पूरे रैकेट का पर्दाफाश हुआ। नरही के एसएचओ, कोरंटाडेह चौकी के प्रभारी और सात अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।
10 सिपाहियों का निलंबन
हेड कांस्टेबल चंद्रजीत यादव, औरंगजेब खान, सिपाही पर्विंद यादव, सतीश गुप्ता, पंकज यादव, ज्ञानचंद, धर्मवीर पटेल, नाइट ऑफिसर एसआई मंगला प्रसाद, हेड कांस्टेबल विष्णु यादव, सिपाही हरदयाल सिंह, दीपक मिश्रा, बलराम सिंह, उदयवीर, प्रशांत सिंह, और ड्राइवर ओमप्रकाश उन दस सिपाहियों में शामिल हैं जिन्हें निलंबित कर दिया गया है। शामिल सिपाहियों के आवास भी सील कर दिए गए हैं।
डीआईजी की आंखें खोलने वाली गणना
नरही थाना क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों द्वारा संचालित वसूली रैकेट ने हर महीने ₹1.5 करोड़ से अधिक की वसूली की। हर रात लगभग 1,000 ट्रक यूपी-बिहार सीमा पार करते थे और प्रत्येक चालक से ₹500 वसूलते थे, जिससे रात की अवैध आय ₹5 लाख तक पहुंच जाती थी।
इस स्कैंडल ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है, जिससे भ्रष्टाचार की गहराई और राज्य सरकार द्वारा इसे संबोधित करने के लिए की गई त्वरित कार्रवाई को उजागर किया गया है।