Bareilly के सुभाष नगर में अघोषित बिजली कटौती की समस्या से परेशान लोग अब विरोध का एक अनोखा तरीका अपनाते हुए नजर आ रहे हैं। 25 जुलाई की रात को बरेली के इस इलाके में बिजली कटौती ने लोगों की जीवनशैली को बुरी तरह प्रभावित किया। रात भर बिजली न आने के कारण लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ा और यह स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि स्थानीय निवासियों ने बिजली उपकेंद्र पर विरोध प्रदर्शन के दौरान राधा नाम जाप शुरू कर दिया।
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सुभाष नगर में पिछले कुछ दिनों से बिजली कटौती की समस्याएं बढ़ गई थीं। रात के समय लगातार बिजली की अनुपस्थिति ने आम लोगों की दिनचर्या को अस्त-व्यस्त कर दिया। लोग गरमी और अंधेरे के बीच परेशान थे, और इस समस्या का कोई समाधान न निकलता देख उन्होंने विरोध प्रदर्शन का नया तरीका अपनाया।
25 जुलाई की रात, सुभाष नगर के निवासियों ने स्थानीय बिजली उपकेंद्र के बाहर इकट्ठा होकर “श्री राधा नाम जाप” शुरू किया। उनका मानना था कि राधा रानी की पूजा और नाम जाप के माध्यम से उन्हें इस कठिनाई से मुक्ति मिल सकती है। विरोध प्रदर्शन के दौरान लोग श्री राधा नाम का जाप कर रहे थे और ईश्वर से प्रार्थना कर रहे थे कि उन्हें सद्बुद्धि प्राप्त हो और उनके कष्ट दूर हों।
इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य केवल बिजली कटौती के खिलाफ नाराजगी जताना नहीं था, बल्कि यह एक प्रकार की आध्यात्मिक प्रार्थना भी थी। स्थानीय लोग मानते हैं कि राधा रानी की कृपा से उनकी समस्याओं का समाधान होगा और बिजली कटौती जैसी समस्याओं से राहत मिलेगी।
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विरोध प्रदर्शन का असर और स्थानीय प्रतिक्रिया
इस अनोखे विरोध प्रदर्शन का स्थानीय लोगों ने सकारात्मक रूप से स्वागत किया है। बहुत से लोग इस बात पर विश्वास करते हैं कि उनकी धार्मिक प्रथाओं और आध्यात्मिक प्रयासों से समस्याओं का समाधान संभव है। सुभाष नगर के निवासी राधा नाम जाप के माध्यम से केवल अपनी परेशानियों को साझा नहीं कर रहे हैं, बल्कि वे समाज में एकजुटता और सांप्रदायिक समरसता का भी संदेश दे रहे हैं।
प्रदर्शन के दौरान, श्री राधा वल्लभ श्री हरिवंश प्रभात फेरी परिवार के सदस्य भी शामिल हुए और उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर राधा नाम जाप की प्रक्रिया को सम्पन्न किया। इस विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, और कई लोग इस अनोखे विरोध प्रदर्शन की सराहना कर रहे हैं।
अंत में
बरेली के सुभाष नगर में अघोषित बिजली कटौती के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का यह तरीका निश्चित रूप से कुछ नया और अनोखा था। जहां लोग आम तौर पर सड़क पर उतरकर नारेबाजी या धरना-प्रदर्शन करते हैं, वहीं सुभाष नगर के निवासियों ने धार्मिक भावनाओं का सहारा लेकर अपनी परेशानियों को उजागर किया। यह विरोध प्रदर्शन एक उदाहरण है कि कैसे धार्मिक आस्था और सामाजिक समस्याओं को एक साथ जोड़कर समाधान निकाला जा सकता है।