Kasganj: सूरजपाल उर्फ भोले बाबा का जन्मदिन, जिसे पहले बड़े हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जाता था, इस बार हाथरस हादसे के बाद फीका रहा। रविवार के दिन बहादुर नगर आश्रम पर पहुंचे भक्तों ने बताया कि इस बार आश्रम पर न तो कोई सजावट थी और न ही भक्तों को खीर, हलवा या मिष्ठान का प्रसाद मिला। यह बदलाव न केवल भक्तों को निराश कर रहा है, बल्कि आश्रम की परंपराओं में भी एक बड़ा परिवर्तन दर्शाता है।
भक्तों की निराशा:
भक्तों ने बताया कि पिछले वर्षों में हजारों लाखों की संख्या में लोग बाबा के जन्मदिन पर आश्रम में आते थे। पूरे आश्रम को सजाया जाता था, संकीर्तन होते थे और प्रसाद में खीर, हलवा और मिष्ठान बांटे जाते थे। इस अवसर पर भक्तों का भारी जमावड़ा होता था और चारों ओर उत्सव का माहौल होता था। लेकिन इस बार, हाथरस हादसे के बाद, बाबा का जन्मदिन फीका रहा।
यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें
Kasganj: आश्रम की स्थिति:
बहादुर नगर आश्रम पर इस बार कोई सजावट नहीं थी। भक्तों ने केवल भोले बाबा को नमन किया और फिर प्रसाद ग्रहण करके घर वापिस लौट गए। आश्रम पर न तो कोई संकीर्तन था और न ही पहले जैसी धूमधाम। भक्तों ने बताया कि वे इस बार विशेष प्रसाद की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी।
हाथरस हादसे का प्रभाव:
हाथरस हादसे के बाद से, बाबा के जन्मदिन की धूमधाम में कमी आई है। हादसे का असर न केवल स्थानीय समाज पर बल्कि धार्मिक आयोजनों पर भी पड़ा है। इस साल बाबा के जन्मदिन पर सजावट और विशेष आयोजन न होने से भक्तों के मन में गहरी निराशा है।
यहां हमारे ट्विटर से जुड़ें
Kasganj: भक्तों की प्रतिक्रिया:
आश्रम पर पहुंचे भक्तों ने अपनी निराशा व्यक्त की और कहा कि हाथरस हादसे के बाद से माहौल बदल गया है। भक्तों को उम्मीद थी कि इस बार भी बाबा का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एक भक्त ने कहा, “हम हर साल बाबा के जन्मदिन पर आते थे और यहां की सजावट और संकीर्तन में भाग लेते थे। लेकिन इस बार सब कुछ बदल गया है।”
Kasganj: प्रशासन और संगठन की प्रतिक्रिया:
आश्रम के आयोजकों ने बताया कि इस साल विशेष आयोजनों को रद्द करने का निर्णय कठिन था, लेकिन वर्तमान स्थिति और सुरक्षा के मद्देनजर यह आवश्यक था। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में बाबा के जन्मदिन को फिर से उसी धूमधाम से मनाने का प्रयास किया जाएगा।
निष्कर्ष:
Kasganj: सूरजपाल उर्फ भोले बाबा का जन्मदिन इस बार कासगंज के बहादुर नगर आश्रम पर सादगी से मनाया गया। हाथरस हादसे के बाद, बाबा के जन्मदिन की धूमधाम कम हो गई। भक्तों ने बाबा को नमन किया और सादगी से प्रसाद ग्रहण करके वापिस लौट गए। इस वर्ष के अनुभव ने भक्तों के मन में एक गहरी छाप छोड़ी है और आश्रम के आयोजकों को भविष्य में बेहतर आयोजन की प्रेरणा दी है।
और पढ़ें