Bijnor: जनपद के शिक्षक, शिक्षिकाओं और शिक्षामित्रों ने ऑनलाइन हाजिरी के पहले दिन को काला दिवस के रूप में मनाया। इस विरोध प्रदर्शन में सभी शिक्षकों ने स्कूलों में हाथ की बांह पर काली पट्टी बांधकर ऑनलाइन उपस्थिति का संपूर्ण विरोध किया। शिक्षक संगठनों ने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि अगर ऑनलाइन हाजिरी का आदेश वापस नहीं लिया गया तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे।
Bijnor: शिक्षक संगठनों का कहना है कि ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली शिक्षकों के लिए असुविधाजनक है और इससे उनके कामकाज में बाधा उत्पन्न होती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस प्रणाली को लागू करने से पहले शिक्षकों की राय नहीं ली गई और इसके प्रभावों पर विचार नहीं किया गया।
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एक शिक्षक ने बताया, “ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली से हमें कई तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की समस्या के कारण यह प्रणाली सुचारू रूप से काम नहीं कर पाती है। इसके अलावा, हमें अपने शिक्षण कार्य से हटकर समय बर्बाद करना पड़ता है।”
Bijnor: शिक्षक संगठनों ने इस आदेश को तुरंत वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे और इसके लिए बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेंगे।
शिक्षामित्रों ने भी इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और कहा कि ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली से उनकी नौकरी पर भी खतरा मंडराने लगा है। उन्होंने कहा कि वे भी शिक्षकों के साथ मिलकर इस आदेश का विरोध करेंगे।
Bijnor: शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों ने जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात की और उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए और शिक्षकों की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
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इस विरोध प्रदर्शन के बाद, जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षकों की समस्याओं को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा और उनकी राय को महत्व दिया जाएगा।
Bijnor: शिक्षक संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे आगामी दिनों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेंगे और इसके लिए राज्यव्यापी आंदोलन का आयोजन भी कर सकते हैं।
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