Noida: देशभर में करोड़ों की ठगी, बायो CNG और ग्रीन डीजल पंप लाइसेंस के नाम पर धोखाधड़ी

Noida: बायो सीएनजी और ग्रीन डीजल पंप खोलने के नाम पर देशभर में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का बड़ा मामला सामने आया है। यह ठगी उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर-63 स्थित एक कंपनी द्वारा की गई है। इस कंपनी ने देशभर के व्यापारियों को झांसा देकर मोटी रकम वसूली है।

कैसे हुई ठगी?

इस कंपनी ने विज्ञापनों के जरिए देशभर के व्यापारियों को कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) और ग्रीन डीजल बेचने वाले पंप खोलने का ऑफर दिया। इस ऑफर को पढ़कर कई व्यापारी कंपनी के संपर्क में आए। कंपनी ने व्यापारियों से 50 हजार रुपये रजिस्ट्रेशन के और लगभग 30 लाख रुपये लाइसेंस के नाम पर वसूले।

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व्यापारियों के साथ धोखा

कंपनी ने व्यापारियों से कई वादे किए थे। इनमें लाइसेंस देना, उपकरण सस्ते दामों में उपलब्ध कराना, और ईंधन सप्लाई करना शामिल था। लेकिन जब सप्लाई देने की बारी आई, तो कंपनी ने पीछे हट गई। इसके बाद, व्यापारियों ने अपने पैसे वापस मांगे, लेकिन कंपनी ने कोई पैसा वापस नहीं किया।

कंपनी के खिलाफ केस और जांच

जब व्यापारियों को ठगी का एहसास हुआ, तो उन्होंने पुलिस से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अंततः पीड़ित व्यापारी कोर्ट की शरण में गए, और कोर्ट ने नोएडा सेक्टर-63 थाना पुलिस को एफआईआर दर्ज कर जांच के आदेश दिए।

कई राज्यों में केस दर्ज

इस मामले में देश के कई राज्यों में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। अलीगढ़, पालघर, अमरावती, और बिहार के अलग-अलग थानों में केस दर्ज हैं। पीड़ितों में व्यापारी, डॉक्टर, इंजीनियर जैसे लोग शामिल हैं, जिन्होंने भविष्य में पंप खोलने की योजना बनाई थी।

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पीड़ितों का दर्द

बिहार के सासाराम में रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर मनीष गौतम ने 2022 में पंप लाइसेंस के लिए 30.50 लाख रुपये जमा किए थे। उन्होंने बताया कि जब कंपनी की धोखाधड़ी का पता चला, तो उन्हें अपने पैसे वापस मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिखी। इसी तरह, सतेंद्र कुमार ने भी 2022 में आवेदन किया था, लेकिन न तो लाइसेंस मिला और न ही सप्लाई शुरू हुई।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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