Lucknow: कल हुई यूपी कोर कमेटी की बैठक में बीजेपी की हार पर विस्तृत समीक्षा रिपोर्ट (review report) पेश की गई। लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में अप्रत्याशित हार का सामना करने के बाद, पार्टी ने विशेष टीम (special team) से इस हार के कारणों की समीक्षा करवाई। इस रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख किया गया है, खासकर अधिकारियों के व्यवहार (officers’ behavior) और भीतरघात (internal betrayal) पर।
रिपोर्ट में हार के कई वजह बताई गई हैं, जो बीजेपी की आगामी रणनीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
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हार के प्रमुख कारण:
- विधायकों की निष्क्रियता: कई विधानसभाओं में विधायकों की निष्क्रियता (inactivity of MLAs) से पार्टी को नुकसान हुआ।
- भीतरघात: कई विधायक अपने क्षेत्र के लोकसभा उम्मीदवार के खिलाफ थे, जिससे पार्टी को भीतरघात (internal betrayal) का सामना करना पड़ा।
- बूथ स्तर पर नाराजगी: अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से नाराजगी के कारण बूथ स्तर पर मतदान में कमी आई।
- ओबीसी वोट बैंक का बिखराव: तमाम कोशिशों के बावजूद ओबीसी वोट बैंक (OBC vote bank) का बिखराव रोका नहीं जा सका।
- दलित वोट: संविधान के मुद्दे पर दलित वोट (Dalit vote) पार्टी से दूर हो गया।
रिपोर्ट तैयार करने वाले पदाधिकारी:
- भूपेंद्र सिंह चौधरी: बरेली, अमेठी, अयोध्या
- धर्मपाल सिंह: लखनऊ, रायबरेली
- सुभाष यदुवंश व गोपाल अंजान भुर्जी: सुल्तानपुर, प्रतापगढ़
- अमरपाल मौर्या व हर्षवर्धन आर्य: कानपुर, कन्नौज
- गोविंद नारायण शुक्ला व आशीष सिंह आशू: सहारनपुर, कैराना
- संजय राय व संतविलास शिवहरे: फूलपुर, कौशाम्बी, सलेमपुर
- मानवेंद्र सिंह व रामचंद्र प्रधान: रामपुर, संभल
- दिनेश शर्मा व शंकर लोधी: गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर
- नवीन जैन व रणजीत सिंह कुशवाहा: भदोही, मिर्जापुर
- ब्रज बहादुर: मुरादाबाद, नगीना
- सुरेश राणा: अकबरपुर, जालौन
- शिवभूषण सिंह: चंदौली, गाजीपुर
- समीर सिंह: आगरा, फतेहपुर
- कौशलेंद्र पटेल: लालगंज, बासगांव
- अनिल यादव: संतकबीरनगर, बस्ती
- राजेश चौधरी: डुमरियागंज, गोंडा
- विजय बहादुर पाठक: इलाहाबाद, राबर्ट्सगंज
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रिपोर्ट के चरण:
रिपोर्ट तीन चरणों में तैयार की गई है, जिसमें प्रत्येक चरण में विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
एसपी कान्तेश मिश्रा ने प्रेसवार्ता में बताया कि शूटर की गिरफ्तारी के बाद ही हत्या की वजह स्पष्ट हो सकेगी। मृतक सुरेश यादव के भाई ने साफ तौर पर कहा कि यह राजनीतिक हत्या है। जिला पार्षद राणा रंजीत सिंह ने भी कहा कि पुलिस को यह देखना चाहिए कि सुरेश यादव की मौत से किसको सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। जब तक शूटर की गिरफ्तारी नहीं होती, हत्या का कारण एक पहेली बना रहेगा।
आगे की राह:
BJP नेतृत्व ने इस रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए आगामी चुनावों के लिए रणनीतियों में बदलाव करने का निर्णय लिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को इस रिपोर्ट के आधार पर सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
UP Core Committee पार्टी को उम्मीद है कि इन सुधारात्मक कदमों से आने वाले चुनावों में बेहतर प्रदर्शन किया जा सकेगा और जनता का विश्वास दोबारा जीता जा सकेगा।
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