Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कर-करेत्तर राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा की। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि राजस्व के रूप में मिलने वाली धनराशि जनता की है और इसलिए यह धनराशि उनके कल्याण पर ही खर्च होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार जनता के हितों को सर्वोपरि रखते हुए धनराशि का उपयोग करेगी।
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बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यकर विभाग के सबसे महत्वपूर्ण और मलाईदार माने जाने वाले सचल दल और एसआईबी शाखा के कामकाज की निगरानी स्वयं करने का निर्णय लिया। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन दोनों शाखाओं की रिपोर्ट हर महीने मुख्यमंत्री कार्यालय में उपलब्ध कराई जाए। यह कदम विभाग के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
Lucknow: मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राजस्व संग्रहण में किसी भी प्रकार की धांधली बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इसके लिए कड़ी निगरानी की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे राजस्व संग्रहण की प्रक्रियाओं को पारदर्शी और सुचारु बनाएं ताकि जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
राज्यकर विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि विभाग राजस्व संग्रहण में सुधार के लिए विभिन्न कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग तकनीकी साधनों का उपयोग करके कर संग्रहण की प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
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Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा कि वे अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाएं और राजस्व संग्रहण में किसी भी प्रकार की लापरवाही न करें। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्व संग्रहण की धनराशि का उपयोग प्रदेश के विकास और जनता के कल्याण के लिए होना चाहिए।
इस समीक्षा बैठक के बाद, राज्यकर विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार काम करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि वे हर महीने सचल दल और एसआईबी शाखा की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय में भेजेंगे और विभाग के कामकाज में सुधार लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।
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