Kashi वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ और बेटियों के जन्म पर कोई भी शुल्क नहीं लेने वालीं डॉ. शिप्रा धर को राष्ट्रीय महिला आयोग की एडवाइजरी कमेटी का सदस्य नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति की जानकारी आयोग की संयुक्त सचिव असोली चलाई ने डॉ. शिप्रा धर को नियुक्ति पत्र भेजकर दी है।
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डॉ. शिप्रा धर, जो काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से प्रसूति व स्त्री रोग में एमडी हैं, महिलाओं के लिए सेवा कार्यों में बढ़-चढ़ कर भाग लेती हैं। उनके समर्पण और निस्वार्थ सेवा के लिए उन्हें पंडित दीनदयाल उपाध्याय, रानी लक्ष्मीबाई, और वंदेमातरम पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
Kashi: डॉ. शिप्रा धर न केवल एक उत्कृष्ट चिकित्सक हैं, बल्कि एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। वे बेटियों के जन्म पर कोई भी शुल्क नहीं लेतीं, जिससे समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक संदेश जाता है। समय-समय पर वे जरूरतमंदों की सहायता करती रहती हैं, जिससे उनके प्रति समाज में गहरा सम्मान है।
उनकी बेटी भी डॉक्टर हैं, जो उनकी प्रेरणा का एक जीवंत उदाहरण हैं। डॉ. शिप्रा धर की इस नियुक्ति से काशी और पूरे क्षेत्र में गर्व का माहौल है। राष्ट्रीय महिला आयोग में उनकी सदस्यता से महिलाओं के अधिकारों और उनके कल्याण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने की उम्मीद है।
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Kashi: डॉ. शिप्रा धर ने कहा कि यह उनके लिए गर्व की बात है और वे इस जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाएंगी। उन्होंने कहा कि वे महिलाओं के अधिकारों और उनके कल्याण के लिए आयोग के साथ मिलकर काम करेंगी और हर संभव प्रयास करेंगी कि महिलाओं को उनके अधिकार मिलें और समाज में उनका सम्मान बढ़े।
Kashi: इस नियुक्ति के बाद, काशी के नागरिकों ने डॉ. शिप्रा धर को बधाई दी और उनकी सफलता की कामना की। उन्होंने कहा कि डॉ. धर ने हमेशा से समाज की सेवा की है और राष्ट्रीय महिला आयोग में उनकी उपस्थिति से महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के प्रयासों को और भी मजबूती मिलेगी।
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