Farrukhabad के पांचाल घाट पर बच्चों की जीवन से खिलवाड़ करती एक दर्दनाक और हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है। हर दिन, दो दर्जन से ज्यादा मासूम बच्चे उफनती गंगा में 40 फीट ऊंचे पुल से कूदते हैं। यह खतरनाक खेल ये बच्चे अपनी जीविका चलाने के लिए चंद पैसों के लिए करते हैं। मात्र 100 मीटर दूर पर पुलिस चौकी होने के बावजूद इन बच्चों की सुरक्षा और भविष्य की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिले के अधिकारी बंद कमरों में बैठकर एसी का आनंद लेते हैं, जबकि ये बच्चे प्रतिदिन मौत को गले लगाते हैं।
विस्तृत विवरण:
Farrukhabad: पांचाल घाट पर हर दिन यह दृश्य देखा जा सकता है, जहां बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर गंगा की गहराई में छलांग लगाते हैं। हिंदू धर्म में मान्यता है कि गंगा में सिक्का फेंकने से पुण्य प्राप्त होता है। इसी मान्यता के चलते ये बच्चे गंगा में फेंके गए सिक्कों को इकट्ठा करने के लिए ऊंचे पुल से छलांग लगाते हैं।
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प्रशासन की उदासीनता:
Farrukhabad: जिले के अधिकारी बंद कमरों में बैठकर जिले की समीक्षा करते हैं और एसी का मजा लेते हैं, जबकि इन बच्चों की हालत पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। न तो इन बच्चों को शिक्षा मिल पाती है और न ही उनका विकास हो पाता है। स्कूल खुल गए हैं और बच्चे स्कूल जाने लगे हैं, लेकिन ये बच्चे अपना और अपने परिवार का पेट भरने के लिए प्रतिदिन नंगे बदन इसी पुल पर चढ़ते हैं और गंगा में छलांग लगाते हैं।
Farrukhabad: सवालों के घेरे में प्रशासन:
यह सवाल उठता है कि इन सबका जिम्मेदार कौन है और इसका हल कैसे निकाला जाएगा। स्थानीय प्रशासन और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। मात्र 100 मीटर की दूरी पर पुलिस चौकी होने के बावजूद इन बच्चों की जान जोखिम में है। अधिकारियों की इस उदासीनता के चलते इन बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।
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Farrukhabad: निष्कर्ष:
यह बेहद जरूरी है कि स्थानीय प्रशासन और समाज मिलकर इन बच्चों की मदद के लिए कदम उठाएं। बच्चों को शिक्षा और सुरक्षित भविष्य प्रदान करना हमारी जिम्मेदारी है। अधिकारियों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और बच्चों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए।
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