ये तस्वीर उत्तरप्रदेश के ज़िला गाजियाबाद की है, जहां गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) के उपाध्यक्ष (VC) ने अपने ऑफिस के बाहर एक नोटिस चस्पा किया है। इस नोटिस में पत्रकारों से मुलाकात के लिए नए नियम और समय निर्धारित किए गए हैं। नोटिस के अनुसार, पत्रकारों के लिए केवल बुधवार और शनिवार को ही मुलाकात का समय निर्धारित किया गया है, और वह भी केवल आधे घंटे के लिए। यह कदम उठाने का मुख्य उद्देश्य कार्यालय के कामकाज को सुचारू रूप से चलाना और अनावश्यक व्यवधानों को कम करना बताया जा रहा है।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण
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गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के VC द्वारा इस प्रकार का नोटिस लगाए जाने से स्थानीय पत्रकारों में नाराजगी और असंतोष की भावना पैदा हो गई है। उनका मानना है कि इस कदम से उनके कामकाज में बाधा उत्पन्न होगी और जनता तक सही और समय पर जानकारी पहुँचाने में कठिनाई होगी। पत्रकारों ने यह भी सवाल उठाया है कि मीडिया से इस तरह की दूरी बनाए जाने की आवश्यकता क्यों पड़ी और क्या इसके पीछे कोई विशेष कारण है।
इस नए नियम के तहत, पत्रकारों को बुधवार और शनिवार को आधे घंटे का समय ही मिलेगा, जिसके दौरान वे अपने सवाल और समस्याएं VC के सामने रख सकेंगे। यह समय सीमा काफी कम है, जिससे पत्रकारों को अपनी बातें पूरी तरह से रखने में मुश्किल हो सकती है।
इस कदम के पीछे क्या कारण हैं और इसके क्या प्रभाव होंगे, यह आने वाले समय में ही स्पष्ट हो पाएगा। लेकिन फिलहाल, यह कदम स्थानीय पत्रकारिता समुदाय में चर्चा और विवाद का विषय बना हुआ है।