Ghaziabad: अनुसूचित जाति के छात्र से अभद्रता, एससी-एसटी आयोग नाराज

Lucknow– गाजियाबाद के ज्ञानस्थली विद्यापीठ में अनुसूचित जाति के छात्र के साथ जातिसूचक शब्दों का उपयोग कर गाली गलौज करने का मामला सामने आया है। इस गंभीर मामले को अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग ने संज्ञान में लिया है। आयोग के अध्यक्ष एवं गाजियाबाद के प्रभारी मंत्री असीम अरुण ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है और पुलिस आयुक्त गाजियाबाद से इस प्रकरण की जानकारी ली है।

घटना का विवरण

ज्ञानस्थली विद्यापीठ के प्रबंधक द्वारा एक अनुसूचित जाति के छात्र से फीस के लिए अभद्रता करने और जातिसूचक शब्दों का उपयोग करने का आरोप है। इस घटना के बाद छात्र और उसके परिवार ने इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से की। इस मामले ने शिक्षा के मंदिर में भेदभावपूर्ण व्यवहार को उजागर किया है, जिससे सामाजिक समानता और न्याय के सिद्धांतों पर सवाल उठते हैं।

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आयोग की प्रतिक्रिया

आयोग के अध्यक्ष असीम अरुण ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने पुलिस आयुक्त गाजियाबाद से बात कर इस प्रकरण की पूरी जानकारी ली और एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। असीम अरुण ने स्पष्ट किया कि शिक्षा के मंदिर में भेदभावपूर्ण व्यवहार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस आयुक्त गाजियाबाद को इस मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस ने छात्र और उसके परिवार से घटना की पूरी जानकारी प्राप्त की है और प्रबंधक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने कहा है कि जांच के दौरान सभी तथ्यों की गहनता से जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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सामाजिक प्रतिक्रिया

इस घटना ने समाज में एक बार फिर जातिवाद और भेदभाव के मुद्दों को सामने ला दिया है। विभिन्न सामाजिक संगठनों और नेताओं ने इस घटना की निंदा की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। शिक्षा के मंदिर में ऐसी घटनाओं का होना अत्यंत दुखद है और इससे समाज में असमानता और विभाजन को बढ़ावा मिलता है।

समाप्ति

यह घटना न केवल गाजियाबाद बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है। अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग के अध्यक्ष असीम अरुण के त्वरित संज्ञान और पुलिस की तत्परता ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जल्द से जल्द न्याय दिलाने का संकल्प व्यक्त किया है। शिक्षा के क्षेत्र में भेदभावपूर्ण व्यवहार को रोकने के लिए इस घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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