Ghaziabad नगर निगम द्वारा दुकानों का किराया बढ़ाने के विरोध में सर्व व्यापार मंडल ने शुक्रवार, 19 जुलाई 2024 को सुबह 10:00 बजे से 1:00 बजे तक घंटाघर पर महापंचायत का आयोजन किया। इस महापंचायत में 1702 दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान बंद कर भाग लिया। व्यापारियों ने नगर निगम प्रशासन और महापौर पर हिटलरशाही करने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे भाजपा के समर्थन से हट सकते हैं।
व्यापारी नेताओं का बयान
व्यापारी नेता राजू छाबड़ा, सुनील चाचा और अन्य व्यापारियों ने बताया कि वे पिछले कई दिनों से अपनी समस्याओं को लेकर जनप्रतिनिधियों के पास जा रहे हैं और ज्ञापन सौंप रहे हैं, लेकिन किसी ने उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने कहा कि नगर निगम प्रशासन ने दुकानों का किराया 300 से 1500 रुपये से बढ़ाकर 4000 से 18000 रुपये कर दिया है, जो अत्यधिक है और इसे सहन करना मुश्किल है।
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शरणार्थी व्यापारियों की स्थिति
सन 1947 में विभाजित होकर आए शरणार्थी अनाज मंडी में फड़ लगाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। 1958 में इन्हें हटाकर रिफ्यूजी मार्केट का निर्माण कराया गया और अनुकंपा के आधार पर उन्हें दुकानें दी गईं, ताकि वे अपने परिवार का पालन-पोषण सही ढंग से कर सकें। आज यह बाजार गोल मार्केट के नाम से जाना जाता है। व्यापारियों का कहना है कि इतनी अधिक किराया वृद्धि उनके लिए असहनीय है और इससे उनका व्यापार प्रभावित हो रहा है।
महापंचायत की मांगें
- किराया वृद्धि को वापस लिया जाए: व्यापारियों ने मांग की है कि नगर निगम द्वारा की गई किराया वृद्धि को तुरंत वापस लिया जाए।
- व्यापारियों की समस्याओं का समाधान: व्यापारियों ने जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि वे उनकी समस्याओं को गंभीरता से लें और उनका समाधान करें।
- भविष्य में संवाद: व्यापारियों ने यह भी मांग की है कि भविष्य में किसी भी प्रकार की वृद्धि या बदलाव से पहले व्यापारियों से संवाद किया जाए और उनकी राय ली जाए।
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प्रशासन की प्रतिक्रिया
महापंचायत के दौरान प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात किया था। महापंचायत के समाप्त होने के बाद प्रशासन ने व्यापारियों की मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया।
व्यापारियों की चेतावनी
व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को जल्द से जल्द नहीं माना गया तो वे भाजपा का समर्थन वापस ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम प्रशासन की यह हिटलरशाही उनके सब्र की सीमा को पार कर चुकी है और यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे भविष्य में और भी बड़े आंदोलन कर सकते हैं।
निष्कर्ष
Ghaziabad में नगर निगम द्वारा किराया बढ़ाने के विरोध में सर्व व्यापार मंडल की महापंचायत ने व्यापारियों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया है। प्रशासन को अब यह देखना होगा कि वे इन मांगों को कैसे पूरा करते हैं ताकि व्यापारियों का भरोसा बनाए रखा जा सके।
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