Ghaziabad History: गाजीउद्दीननगर से गाजियाबाद तक औद्योगिक विकास और ऐतिहासिक यात्रा

Ghaziuddin Nagar to Ghaziabad: यह माना जाता है कि इस जगह की स्थापना 1740 में वज़ीर गाज़ी-उद-दीन द्वारा की गई थी, जिन्होंने इसे गाजीउद्दीननगर कहा था। रेलवे लाइन खुलने के बाद इस जगह का नाम छोटा कर गाजियाबाद कर दिया गया।

गाजियाबाद का औद्योगिक विकास और इतिहास

जनपद गाजियाबाद, मेरठ मंडल के 6 जिलों में से एक है और उत्तर प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक जनपदों में से एक है। Industrial development के क्षेत्र में यह जिला अग्रणी है। 14 नवंबर 1976 के पूर्व, जनपद गाजियाबाद, जनपद मेरठ के अंतर्गत एक तहसील के रूप में जाना जाता था। उत्तर प्रदेश सरकार ने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के अवसर पर 14 नवंबर 1976 को गाजियाबाद को जिले का गौरव प्रदान किया। तब से इस जिले ने सामाजिक, आर्थिक, कृषि एवं औद्योगिक क्षेत्र में तेजी से उन्नति की है।

मेरठ जिले से अलगाव और गाजियाबाद का गठन

मेरठ जिले के 8 विकास खंड – रजापुर, मुरादनगर, भोजपुर, हापुड़, धौलाना, लोनी, सिम्भावली और गढ़मुक्तेश्वर तथा बुलंदशहर के दो विकास खंड – दादरी और बिसरख, गाजियाबाद के अस्तित्व में शामिल थे। Ghaziabad history के अनुसार, गाजियाबाद, दादरी, हापुड़ और गढ़मुक्तेश्वर इसकी पहली चार तहसीलें थीं। बाद में 30 सितंबर 1989 को मोदीनगर को भी तहसील का दर्जा दे दिया गया।

नोएडा और गौतमबुद्धनगर का गठन

औद्योगिक विकास और कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए मई 1997 में नोएडा को गौतमबुद्धनगर में समाहित कर दिया गया। इससे गाजियाबाद में केवल 8 विकास खंड शेष रह गए, जो गाजियाबाद नया जिला बनाते समय मेरठ से काटकर शामिल किए गए थे। गाजियाबाद जिले की दादरी तहसील भी जनपद गौतमबुद्धनगर में शामिल कर ली गई, जिससे यहां केवल 4 तहसीलें – गाजियाबाद, मोदीनगर, हापुड़ और गढ़मुक्तेश्वर रह गई थीं।

नवसृजित जनपद हापुड़ का गठन

27 सितंबर 2011 को नवसृजित जनपद हापुड़ का सृजन होने के कारण जनपद गाजियाबाद में दो तहसील – गाजियाबाद और मोदीनगर तथा चार विकास खंड – रजापुर, मुरादनगर, भोजपुर, लोनी शेष रह गए थे। किन्तु 29 जनवरी 2014 को नयी तहसील लोनी का सृजन हुआ, जिससे अब जनपद गाजियाबाद में तीन तहसीलें – गाजियाबाद, मोदीनगर और लोनी तथा चार विकास खंड – रजापुर, मुरादनगर, भोजपुर, लोनी हैं।

गाजियाबाद का वर्तमान परिदृश्य

आज, Ghaziabad एक महत्वपूर्ण औद्योगिक और शैक्षिक हब बन गया है। यहां की सामाजिक और आर्थिक प्रगति ने इसे उत्तर प्रदेश के अग्रणी जिलों में शामिल कर दिया है। ऐतिहासिक दृष्टि से गाजियाबाद का विकास और इसकी स्थापना की कहानी इसे एक विशेष स्थान दिलाती है।

इसका औद्योगिक विकास और शिक्षा में प्रगति गाजियाबाद को उत्तर प्रदेश के प्रमुख जिलों में से एक बनाती है। Ghaziabad की यह यात्रा गाजीउद्दीननगर से शुरू होकर आज एक महत्वपूर्ण औद्योगिक और ऐतिहासिक केंद्र के रूप में समाप्त होती है।

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मैं सुमित कुमार एक पत्रकार हूं जो सभी राज्यों की स्थानीय खबरों को कवर करता हूं। मेरे द्वारा रिपोर्ट की गई खबरें समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों और घटनाओं को उजागर करती हैं, जिससे जनता को सही और सटीक जानकारी मिलती है। मुझे पत्रकारिता के माध्यम से लोगों की आवाज बनना और उनके मुद्दों को मुख्यधारा में लाना पसंद है।
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