Gonda: रिश्ते के विरोध में महिला और भतीजे ने चलती ट्रेन के सामने कूद कर दी जान

UP: Gonda जिले में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां एक महिला और उसके भतीजे ने अपने रिश्ते के विरोध से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार, विधवा पुष्पा देवी (32) और उनके 10 साल छोटे भतीजे रविंद्र कुमार (22) ने रविवार को चलती ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी।

थाने के प्रभारी दुर्ग विजय सिंह ने बताया कि पुष्पा देवी अपने दो बच्चों के साथ इटयाथोक क्षेत्र में अपने ससुराल में रहती थीं। पुष्पा देवी का अपने भतीजे रविंद्र कुमार के साथ रिश्ता था, जो समाज द्वारा स्वीकार्य नहीं था। इस रिश्ते को लेकर परिवार और समाज के विरोध का सामना करते हुए दोनों ने यह चरम कदम उठाया।

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पुलिस ने घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। दुर्ग विजय सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि दोनों ने अपने रिश्ते को लेकर हो रहे विरोध से परेशान होकर यह आत्मघाती कदम उठाया। उन्होंने बताया कि घटना स्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन मामले की गहन जांच की जा रही है।

UP: पुष्पा देवी का अपने भतीजे के साथ रिश्ते में होना और इसके कारण समाज और परिवार के विरोध का सामना करना उनके लिए मानसिक तनाव का कारण बन गया था। इस तनाव और समाज के दबाव ने उन्हें आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।

स्थानीय लोग इस घटना से सदमे में हैं। गांव वालों का कहना है कि पुष्पा देवी और रविंद्र कुमार के बीच के रिश्ते को लेकर अक्सर चर्चा होती थी, लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि यह मामला इतनी गंभीरता ले लेगा।

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इस घटना ने एक बार फिर से समाज में रिश्तों को लेकर बनी मानसिकता और समाज के दबाव पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह दिखाता है कि किस तरह सामाजिक दबाव और मान्यताओं के चलते लोग आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर हो जाते हैं।

UP: पुलिस ने कहा कि वे इस मामले में सभी संभावित पहलुओं की जांच कर रहे हैं और परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों से भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि इस घटना के पीछे कोई अन्य कारण तो नहीं था और क्या इस मामले में किसी प्रकार का दबाव या धमकी दी गई थी।

पुष्पा देवी और रविंद्र कुमार की आत्महत्या ने समाज में रिश्तों को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि हमें अपने नजरिए और सोच में बदलाव लाने की जरूरत है ताकि ऐसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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