गुवाहाटी स्थित IIT के हॉस्टल में संदिग्ध परिस्थितियों में कानपुर देहात की रहने वाली छात्रा सौम्या कटियार की मौत ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। पुखरायां कस्बे की निवासी सौम्या कटियार के परिवार ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी की हत्या की गई है और बाद में साक्ष्य मिटा दिए गए हैं। परिजनों का कहना है कि सौम्या की हत्या को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की जा रही है।
परिवार ने न्याय की गुहार लगाते हुए आखिरी सांस तक लड़ने की घोषणा की है। इस मामले को लेकर गुवाहाटी आईआईटी और हॉस्टल प्रबंधन के खिलाफ राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के तत्वाधान में एक विशाल कैंडल मार्च निकाला गया। इस कैंडल मार्च में जालौन गरौठा के सपा सांसद नारायणदास अहिरवार, नगर पालिका चेयरमैन और अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए।
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सांसद चंद्रशेखर आजाद का सियासी बयान
सपा सांसद और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने इस मामले पर सोशल मीडिया के माध्यम से असम की बीजेपी सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने ट्वीट किया कि सौम्या कटियार की मौत ‘सांस्थानिक हत्या’ की घटना प्रतीत होती है। आजाद ने आरोप लगाया कि गुवाहाटी आईआईटी प्रशासन और बीजेपी की असम सरकार इस हत्या को आत्महत्या साबित करने की कोशिश कर रही है, जबकि सच्चाई कुछ और है। उन्होंने कहा कि सौम्या की मौत की खबर आते ही परिवार और समाज में गहरा सदमा लगा है, जबकि उसके जीवन के अंतिम समय में वह अपनी मां से खुशी से बातें कर रही थी।
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अन्य नेताओं का समर्थन
इस बीच, यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया और न्याय का भरोसा दिलाया। चंद्रशेखर आजाद के ट्वीट के बाद, कानपुर देहात में आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी कई जगहों पर कैंडल मार्च निकाला और न्याय की मांग की। सपा सांसद ने शिक्षकों और अन्य लोगों के साथ कैंडल मार्च निकालकर सौम्या को न्याय दिलाने की मांग की।
परिजनों और राजनीतिक दलों की इस सक्रियता से मामला अब राजनीतिक और सामाजिक बहस का हिस्सा बन गया है। परिवार ने केंद्र सरकार और शिक्षा मंत्री से सीबीआई जांच की मांग की है ताकि इस मामले की सच्चाई सामने आ सके और सौम्या को न्याय मिल सके।
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