हमीरपुर: 5 मई को हुई NEET परीक्षा में पेपर लीक और रिजल्ट को लेकर उठे सवालों के बाद छात्रों और कोचिंग देने वाले अध्यापकों में गहरा रोष है। इसके साथ ही, परीक्षा के लिए “मनपसंदीदा सेंटर” चुनने के लिए रिश्वत देने की बात सामने आई है, जिसने इस मुद्दे को और भी गंभीर बना दिया है।
हमीरपुर में इस वर्ष NEET की परीक्षा देने वाले छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह की धांधली को सरकार और परीक्षा करवाने वाली संस्था की लापरवाही का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि छात्र कई सालों तक इस परीक्षा की तैयारी करते हैं, लेकिन इस तरह की धांधली से उनके मनोबल पर गहरा असर पड़ता है।
एक छात्र ने कहा, “हमने सालों मेहनत की और इस परीक्षा के लिए दिन-रात पढ़ाई की, लेकिन इस तरह की धांधली ने हमारे सपनों को चकनाचूर कर दिया। सरकार और परीक्षा करवाने वाली संस्था को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए।”
कोचिंग देने वाले अध्यापकों ने भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा, “यह बहुत ही गंभीर मामला है। इस तरह की धांधली से छात्रों का भविष्य दांव पर लग जाता है। हम सरकार से मांग करते हैं कि वह सभी छात्रों के लिए फिर से परीक्षा का आयोजन करे ताकि निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।”
छात्रों और अध्यापकों ने मिलकर सरकार से यह मांग की है कि अगर कुछ छात्रों की परीक्षा दोबारा करवाई जा रही है तो यह गलत है। उन्हें सभी छात्रों के लिए एक बार फिर से परीक्षा का आयोजन करना चाहिए ताकि सभी को समान अवसर मिल सके और कोई भी छात्र अन्याय का शिकार न हो।
इस घटना ने राष्ट्रीय स्तर पर परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार और परीक्षा करवाने वाली संस्था को इस मामले की गहन जांच करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।