Hathras: जिले में 2 जुलाई को हुए सत्संग में भगदड़ मचने से 123 लोगों की मौत के मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। अलीगढ़ जेल में बंद मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर ने अपने वकील एपी सिंह के माध्यम से एसपी हाथरस को एक शिकायती पत्र दिया है। इस पत्र में मधुकर ने सत्संग में हुई भगदड़ को एक साजिश बताया है और घटना के बारे में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
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शिकायती पत्र का विवरण
मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर के वकील एपी सिंह ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि सत्संग में मची भगदड़ एक साजिश का परिणाम थी। शिकायती पत्र में बताया गया है कि 2 जुलाई को मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम का आयोजन किया गया था। समागम के समापन के बाद, जब श्रद्धालु अलीगढ़-एटा हाईवे पर बाईं तरफ जा रहे थे, तभी करीब 15-16 हट्टे-कट्टे नौजवान, जो टी-शर्ट और हाफ पैंट पहने हुए थे, ने जानलेवा जहरीले स्प्रे से हमला कर दिया।
साजिश का खुलासा
मधुकर के अनुसार, ये षड्यंत्रकारी तत्व श्रद्धालुओं के बीच धक्का-मुक्की करते हुए जहरीले स्प्रे का छिड़काव कर रहे थे। इस हमले के कारण श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई और भगदड़ के चलते लोग बेहोश होकर एक-दूसरे पर गिरने लगे। षड्यंत्रकारी पहले से खड़ी गाड़ियों में बैठकर एटा की तरफ भाग गए। इस हमले में 121 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। मधुकर का दावा है कि यह हमला सोची-समझी साजिश के तहत किया गया था, जिसका उद्देश्य नारायण साकार विश्व हरि और यूपी सरकार को बदनाम करना था।
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सबूतों की मांग
मधुकर ने अपने शिकायती पत्र में घटना स्थल से एटा और अलीगढ़ के बीच के सभी टोल प्लाजा, पेट्रोल पंप, और सरकारी-प्राइवेट सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की मांग की है, ताकि अपराधियों की पहचान की जा सके। इसके साथ ही, उन्होंने पीड़ित घायल और प्रत्यक्षदर्शियों से जानकारी प्राप्त करने की भी अपील की है। मधुकर का मानना है कि उनके द्वारा दिए गए तथ्यों की पुष्टि इन सबूतों से हो सकती है।
आगे की जांच
इस मामले में एसपी हाथरस और तीन सदस्यीय जांच आयोग टीम को शिकायती पत्र की प्रतिलिपि सौंपी गई है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डीजीपी उत्तर प्रदेश को भी यह पत्र भेजा गया है।
समाप्ति
यह मामला अब एक नए मोड़ पर पहुंच गया है, जहां मुख्य आरोपी द्वारा साजिश का आरोप लगाकर कई सवाल खड़े किए गए हैं। पुलिस और जांच आयोग को इस मामले की गहराई से जांच करनी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी तथ्यों की पूरी जांच की जाए ताकि दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जा सके।
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