Hathras stampede: भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने आज (12 जुलाई) एक जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया जिसमें 2 जुलाई (मंगलवार) को हाथरस में हुई भगदड़ (Hathras stampede) की घटना की जांच के लिए एक पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति नियुक्त करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। इस भगदड़ में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि यह एक चिंताजनक घटना है, लेकिन उच्च न्यायालय इस मामले को संभालने के लिए सक्षम हैं। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह इस याचिका को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएं।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “बेशक, ये घटनाएं परेशान करने वाली हैं। यहां (सुप्रीम कोर्ट में) ऐसी याचिकाएं आमतौर पर बड़े मुद्दे के रूप में लाई जाती हैं। उच्च न्यायालय इस मामले को निपटाने के लिए पूरी तरह से सक्षम है। इसे खारिज किया जाता है।”
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Hathras stampede: इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जाने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने वकील और याचिकाकर्ता विशाल तिवारी से कहा कि वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपनी याचिका दायर करें और पीआईएल का निपटारा करें। तिवारी ने कहा कि उचित चिकित्सा सुविधाओं की अनुपलब्धता का मुद्दा पूरे भारत के लिए चिंता का विषय है और इस पीआईएल को सुप्रीम कोर्ट भी देख सकता है। लेकिन, मुख्य न्यायाधीश ने इस तर्क को खारिज कर दिया।
इस याचिका में 2 जुलाई को हुए भगदड़ की घटना की जांच के लिए एक पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति नियुक्त करने की मांग की गई थी। यह भगदड़ उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक धार्मिक सभा में हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट में भगदड़ का मामला
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई कारण सूची के अनुसार, इस याचिका पर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष होनी थी।
वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार को इस घटना पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने और अधिकारियों, कर्मचारियों और अन्य के खिलाफ उनके लापरवाह आचरण के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। इसमें राज्यों को भीड़भाड़ वाले धार्मिक या अन्य आयोजनों में भगदड़ या अन्य घटनाओं को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
हाथरस भगदड़ का मामला
हाथरस में एक धार्मिक सभा में हुई भगदड़ में कम से कम 121 लोगों की मौत हो गई थी। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के फुलरई गांव में बाबा नारायण हरि द्वारा आयोजित ‘सत्संग’ के लिए 2.5 लाख से अधिक भक्त इकट्ठा हुए थे, जिन्हें साकार विश्वहारी और भोले बाबा के नाम से भी जाना जाता है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें उन पर सबूत छिपाने और 80,000 की अनुमति के बावजूद 2.5 लाख लोगों को इकट्ठा करने का आरोप लगाया गया है।