Hathras: उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए बड़े हादसे के बाद बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने 4 जुलाई को होने वाले अपने जन्मदिन के कार्यक्रम को रद्द कर दिया है। इस कार्यक्रम में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद थी। धीरेंद्र शास्त्री ने अपने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है।
हाथरस हादसे का प्रभाव
2 जुलाई को उत्तर प्रदेश के हाथरस जनपद के थाना सिकंदराराऊ क्षेत्र में भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकतर महिलाएं शामिल हैं। इस भगदड़ को शुरू करने में स्वयंभू संत भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के सेवादारों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। सेवादारों द्वारा भीड़ को काबू करने के लिए लाठियां चलाने के कारण यह भगदड़ मची।
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Hathras: धीरेंद्र शास्त्री का संदेश
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस संदर्भ में कहा, “4 जुलाई को मेरे जन्मदिन को लेकर बहुत व्यापक तरीके से उत्सव की तैयारियां चल रही थीं। इसके लिए हमने बहुत व्यापक व्यवस्था की थी, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए हमने निर्णय लिया है कि 4 जुलाई को होने वाला जन्मदिन कार्यक्रम रद्द कर दिया जाए। आप सभी से निवेदन है कि जो जहां हैं वहीं से उत्सव मनाएं, घर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें और वृक्षारोपण करें।”
गुरु पूर्णिमा की तैयारी
धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा, “आगामी गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को है। उस समय हम योजनाबद्ध तरीके से 30-40 एकड़ का बड़ा मैदान रखेंगे और आप सबके स्वागत का इंतजार करेंगे। गुरु पूर्णिमा उत्सव पर आप पादुका पूजन भी करेंगे और बागेश्वर बालाजी के दर्शन भी करेंगे। हमारा उद्देश्य है कि बुजुर्गों को कष्ट न हो, कोई बीमार न पड़े, किसी का पेट खराब न हो, धक्का-मुक्की न हो और आप सुरक्षित रहें।”
सुरक्षा के उपाय
धीरेंद्र शास्त्री ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस बार घर से ही जन्मदिन का उत्सव मनाएं ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके। उन्होंने कहा, “आप मुस्कराते रहें, कोई पीड़ा न हो और उत्सव भी सुरक्षित तरीके से निपट जाए।
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Hathras: निष्कर्ष
Hathras: हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है और धीरेंद्र शास्त्री ने अपने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। बागेश्वर धाम ने श्रद्धालुओं को आगामी गुरु पूर्णिमा की तैयारी के लिए जोर दिया है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि सभी उत्सव सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से मनाए जाएं।
इस घटना से सबक लेते हुए, धीरेंद्र शास्त्री ने यह संदेश दिया है कि सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी प्रकार की भीड़भाड़ से बचना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। श्रद्धालुओं ने भी इस फैसले का स्वागत किया है और शास्त्री जी की सुरक्षा के प्रति जागरूकता की सराहना की है।
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