माफिया से नेता बने पूर्व विधायक Mukhtar Ansari की मौत की वजह मजिस्ट्रियल जांच में हार्ट अटैक पाई गई है। 28 मार्च, 2024 को बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी। मौत के बाद उनके परिजनों ने जेल में स्लो पॉइजन दिए जाने का आरोप लगाया था, हालांकि पोस्टमार्टम और विसरा जांच रिपोर्ट में जहर की पुष्टि नहीं हुई।
पोस्टमार्टम और विसरा रिपोर्ट में मिली हार्ट अटैक की पुष्टि
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि की गई थी। विसरा जांच के लिए लखनऊ भेजा गया था, जिसमें 20 अप्रैल को भी जहर की पुष्टि नहीं हुई।
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परिवार को भेजा गया था नोटिस, पर नहीं मिला जवाब
मुख्तार अंसारी के परिजनों के आरोपों के बाद शासन ने मजिस्ट्रियल और न्यायिक जांच का आदेश दिया था। बांदा के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में अपर जिलाधिकारी ने इस जांच का नेतृत्व किया। परिजनों को नोटिस भेजकर सबूत या आपत्तियां जमा करने के लिए समय दिया गया था, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया।
5 महीने तक चली विस्तृत जांच
5 महीने तक चली इस जांच में जेल अधिकारियों, कर्मचारियों, डॉक्टरों और मुख्तार का इलाज करने वाले सभी डॉक्टरों समेत 100 लोगों के बयान लिए गए। इसके अलावा जेल के सीसीटीवी फुटेज, बैरिक और खाने की जांच भी की गई। पूरी जांच के बाद रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई, जिसमें हार्ट अटैक को मुख्तार की मौत का कारण बताया गया और जहर देने का आरोप निराधार पाया गया।