Lucknow: रालोद (राष्ट्रीय लोकदल) के अध्यक्ष जयन्त चौधरी ने प्रदेश सरकार के दुकानों पर संचालकों के नाम लिखने के आदेश को गलत करार दिया है। उन्होंने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अगर यह नियम लागू किया गया तो मैकडॉनल्ड्स और बर्गर किंग जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स पर क्या लिखा जाएगा?
जयन्त चौधरी की असहमति
जयन्त चौधरी ने सरकार के इस आदेश को अनुपयुक्त बताते हुए कहा कि यह कदम व्यापारियों और दुकानदारों के लिए समस्याएं खड़ी करेगा। उन्होंने तर्क दिया कि छोटे और स्थानीय व्यवसायों के लिए यह आदेश लागू करना संभव हो सकता है, लेकिन बड़े और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के लिए यह कठिनाई भरा होगा। उन्होंने कहा, “अगर सरकार का यह आदेश लागू होता है, तो मैकडॉनल्ड्स और बर्गर किंग जैसे ब्रांड्स पर किसका नाम लिखा जाएगा?”
आदेश का उद्देश्य
प्रदेश सरकार का यह आदेश दुकानों में पारदर्शिता और ग्राहकों को सही जानकारी देने के उद्देश्य से जारी किया गया है। सरकार का मानना है कि दुकानों पर संचालकों के नाम लिखने से ग्राहक और व्यापारियों के बीच विश्वास बढ़ेगा और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सकेगा।
व्यापारियों की प्रतिक्रिया
जयन्त चौधरी के बयान के बाद व्यापारियों और दुकानदारों में भी इस आदेश को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ व्यापारी इस आदेश को सकारात्मक मानते हैं और इसे व्यापार में पारदर्शिता लाने का एक अच्छा कदम मानते हैं, जबकि कुछ इसे अनावश्यक और व्यापारिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप मानते हैं।
आगे की रणनीति
जयन्त चौधरी ने इस आदेश के खिलाफ अपनी असहमति जताते हुए सरकार से पुनर्विचार करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस निर्णय को लागू करने से पहले व्यापारियों और दुकानदारों के साथ विचार-विमर्श करना चाहिए और उनकी समस्याओं को समझना चाहिए।
निष्कर्ष
रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी द्वारा प्रदेश सरकार के आदेश पर उठाए गए सवाल और उनकी असहमति ने इस मुद्दे को एक नई दिशा दी है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए क्या कदम उठाती है।