Jhansi में एक फाइनेंस कंपनी के एरिया मैनेजर, 42 वर्षीय तरुण सक्सेना ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मौके से पांच पेज का एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें तरुण ने बताया है कि पिछले दो महीने से अधिकारी उस पर रिकवरी टारगेट पूरा करने का दबाव बना रहे थे। पूरा न होने पर उसके वेतन से कटौती की धमकी दी जा रही थी, जिससे तंग आकर उसने यह कदम उठाया।
Jhansi: परिवार और घटनाक्रम की जानकारी
तरुण झांसी जनपद के नवाबाद थाना क्षेत्र के गुमनावरा पिछोर का निवासी था। वह फाइनेंस कंपनी में एरिया मैनेजर के पद पर कार्यरत था और उसके परिवार में एक बेटी और एक बेटा है। सुबह जब घर पर काम करने वाली नौकरानी आई, तो उसने एक कमरे में तरुण को फांसी पर लटका देखा। पत्नी और बच्चे दूसरे कमरे में थे, जिनकी कुंडी बाहर से लगी थी। नौकरानी ने शोर मचाते हुए तरुण के भाई को सूचना दी, जिन्होंने पुलिस को घटना की जानकारी दी।
सुसाइड नोट में मानसिक तनाव का जिक्र
तरुण ने अपनी पत्नी को संबोधित करते हुए सुसाइड नोट में लिखा कि वह अपने टारगेट पूरे नहीं कर पा रहा है, जिससे वह मानसिक तनाव में था। उसने अपने सीनियर्स के द्वारा अपमानित किए जाने का भी जिक्र किया। नोट में लिखा है, “मैं 45 दिनों से सोया नहीं हूं। मैं बहुत तनाव में हूं। सीनियर मैनेजर मुझ पर टारगेट पूरा करने का दबाव बना रहे हैं।”
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कंपनी के अधिकारियों पर गंभीर आरोप
परिजनों और सुसाइड नोट के अनुसार, फाइनेंस कंपनी के अधिकारी तरुण पर लगातार रिकवरी कराने का दबाव बना रहे थे। टारगेट पूरा न होने पर उसे धमकाया जा रहा था। तरुण के भाई गौरव का कहना है कि कंपनी के अधिकारियों ने ही उनके भाई को आत्महत्या के लिए उकसाया है। पुलिस अधीक्षक ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में ले लिया है और पोस्टमार्टम की कार्रवाई कराई जा रही है।
आगे की कार्रवाई
सुसाइड नोट में अपने उच्च अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है। यदि परिजनों द्वारा कोई शिकायत मिलती है, तो उसकी जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने न केवल परिवार को झकझोर दिया है, बल्कि कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य और प्रबंधन की नीतियों पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं।