कमलेश पासवान, जो गोरखपुर के बांसगांव से चार बार के सांसद हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 3.0 कैबिनेट में मंत्री के रूप में शामिल हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता, पासवान ने अपने समर्पण और सेवाओं के माध्यम से राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है।
शैक्षिक और प्रारंभिक जीवन: कमलेश पासवान का जन्म 5 जुलाई 1966 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के बांसगांव में हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा भी उत्तर प्रदेश में ही हुई। पासवान ने प्रारंभिक जीवन से ही राजनीति में रुचि दिखाना शुरू कर दिया था और समाज सेवा में सक्रिय भूमिका निभाने लगे थे।
राजनीतिक करियर: कमलेश पासवान ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बांसगांव विधानसभा क्षेत्र से की। 1998 में, उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव जीता और इसके बाद तीन बार और सांसद चुने गए। उनकी नेतृत्व क्षमता और लोगों के प्रति उनकी सेवा भावना ने उन्हें क्षेत्र में अत्यधिक लोकप्रिय बना दिया। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की शुरुआत की।
मंत्रिपरिषद में भूमिका: पीएम मोदी के 3.0 कैबिनेट में कमलेश पासवान को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का प्रभार दिया गया है। उनके पास समाज के कमजोर और पिछड़े वर्गों के उत्थान की जिम्मेदारी है। पासवान ने अपने कार्यकाल के दौरान कई नीतियों और कार्यक्रमों की शुरुआत की है, जो समाज के सभी वर्गों के विकास में सहायक साबित हो रही हैं।
समाज सेवा: राजनीति के अलावा, कमलेश पासवान समाज सेवा में भी सक्रिय हैं। उन्होंने अपने क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में कई कार्य किए हैं। उनके द्वारा शुरू की गई योजनाएं और कार्यक्रमों ने हजारों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं। उन्होंने विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में विकास को बढ़ावा देने के लिए काम किया है।
उपसंहार: कमलेश पासवान का जीवन और करियर एक प्रेरणा स्रोत है। चार बार सांसद बनकर और अब मोदी कैबिनेट में शामिल होकर उन्होंने साबित कर दिया है कि समर्पण और मेहनत से सब कुछ संभव है। पीएम मोदी के 3.0 कैबिनेट में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है और उनसे बहुत सी अपेक्षाएं हैं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री के रूप में पासवान का कार्यकाल एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, जिसमें वे अपने अनुभव और समर्पण से समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान की दिशा में काम कर रहे हैं।