Kanpur Breaking News: प्रवक्ता पद पर फर्जी भर्ती का बड़ा भंडाफोड़ हुआ है। शातिर दिमाग वालों की चाल भी उल्टी पड़ गई जब पुलिस ने स्कूल प्रबंधक, लैब टेक्नीशियन सहित कई पढ़े लिखे जालसाज़ों को गिरफ्तार किया।
फर्जी ईमेल आईडी से हुआ खेल
अभियुक्तगणों ने माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड की कूटरचित फर्जी ईमेल आईडी बनाकर जिला विद्यालय निरीक्षक, कानपुर की आधिकारिक ईमेल आईडी पर मेल किया। इसमें लिखा था कि माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा 9 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है और उन्हें विभिन्न कॉलेजों में नियुक्ति देनी है।
विनीता और रिक्षा पांडेय की नियुक्ति
इस फर्जी मेल के आधार पर विनीता और रिक्षा पांडेय को अलग-अलग कॉलेजों में नियुक्ति दे दी गई। विनीता का वेतन उसके अकाउंट में आ गया, लेकिन रिक्षा का वेतन नहीं आया। इसी दौरान एक शिकायती पत्र के आधार पर जॉइंट डायरेक्टर ने जिला विद्यालय निरीक्षक प्रथम को जांच का आदेश दिया।
जांच में निकली फर्जी भर्ती
जांच के सत्यापन में प्रवक्ताओं की भर्ती का पैनल फर्जी पाया गया। जिला विद्यालय निरीक्षक ने थाना कर्नल गंज में लिखित तहरीर दी, जिसके बाद मामले की तहकीकात प्रभारी सर्विलांस सेल सेंट्रल जोन सुनीत शर्मा के नेतृत्व में की गई।
मामला खंगालने पर सामने आया बड़ा कारनामा
फर्जी आईडी विवेक द्विवेदी और शिवम कुमार विश्वकर्मा ने लाल जी सिंह के कहने पर तैयार की थी। इस गैंग में एक स्कूल का प्रबंधक, कॉलेज का लैब टेक्नीशियन और एक पढ़े लिखे बाप बेटे सहित और कई लोग शामिल थे।
गिरफ्तार अभियुक्त
पुलिस ने हरेंद्र पांडेय, प्रकाश पांडेय, लाल जी सिंह, विवेक द्विवेदी, शिवम कुमार विश्वकर्मा, अभिनव त्रिपाठी और दिनेश कुमार पांडेय को गिरफ्तार कर लिया है।
कानूनी कार्यवाही और शिक्षा विभाग की जांच
सभी अभियुक्तों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा रही है और शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है।
पुलिस की तत्परता और समर्पण
इस जालसाजी के भंडाफोड़ और गिरफ्तारी में प्रभारी निरीक्षक कर्नल गंज, उप निरीक्षक पवन कुमार, रवि शंकर पांडेय, योगेंद्र कुमार, उप निरीक्षक यू टी विश्वनाथ सिंह सेंगर, हर्षित शर्मा, निरीक्षक दुर्गावती, महिला कांस्टेबल शिवानी, प्रभारी सर्विलांस सेल सेंट्रल जोन सुनीत शर्मा, हेड कांस्टेबल लव कुश मिश्रा और राकेश कुमार का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
निष्कर्ष
Kanpur Breaking News में प्रवक्ता पद पर फर्जी भर्ती का भंडाफोड़ पुलिस की तत्परता और समर्पण का परिणाम है। इस घटना ने शिक्षा विभाग और पुलिस की निगरानी की जरूरत को उजागर किया है। गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की जा रही है, और यह कार्रवाई भविष्य में ऐसे जालसाज़ों को सबक सिखाने का काम करेगी।