Kanpur: पेंशनर फोरम द्वारा आज चित्रगुप्त धर्मशाला में स्वर्गीय डीएस नकरा की जन्मशती का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसके बाद महामंत्री ने डीएस नकरा के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अपने कार्यकाल में डीएस नकरा कर्मचारियों के प्रति पूरी तरह समर्पित रहे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर यह ऐतिहासिक निर्णय दिलाया कि पेंशन कोई एहसान नहीं, बल्कि कर्मचारियों के युवावस्था के कार्यों का वृद्धावस्था में संरक्षण है।
Kanpur: सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का जिक्र
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए फैसले को याद करते हुए बताया गया कि यह निर्णय पेंशन भोगियों के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। आज देश के हर पेंशनभोगी को डीएस नकरा के योगदान के लिए सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। वक्ताओं ने कहा कि हमें उनके आदर्शों पर चलते हुए उन कर्मचारियों के लिए भी संघर्ष करना होगा, जिन्हें पेंशन नहीं मिलती।
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अध्यक्ष की पत्नी के निधन पर शोक व्यक्त
कार्यक्रम को निरस्त करने की चर्चा भी हुई, क्योंकि फोरम के अध्यक्ष आरके तिवारी की पत्नी का कल स्वर्गवास हो गया था। लेकिन अध्यक्ष ने कहा कि यह कार्यक्रम जारी रखना ही उनकी पत्नी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कार्यक्रम में उनकी आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया और एक प्रस्ताव पारित कर प्रभु से परिवार को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की गई।
वक्ताओं ने किया नकरा जी को श्रद्धांजलि
सभा में उपस्थित वक्ताओं, जिनमें एचएन तिवारी, जिया लाल यादव, पीएन बाजपेई, आरपीएस श्रीवास्तव, साहब दीन यादव, बीएल गुलबिया, सत्य नारायण श्रीवास्तव और अन्य शामिल थे, ने डीएस नकरा के जीवन और उनके योगदान पर विचार रखे।
सम्मान समारोह और शोक संवेदना
कार्यक्रम में फोरम के अपर महामंत्री सत्यनारायण, सेवानिवृत्त पत्रकार एसएम तिवारी, और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की कैंट शाखा की प्रबंधक रोमा श्रीवास्तव को सम्मानित किया गया। साथ ही, अध्यक्ष के घर जाकर शोक संवेदना व्यक्त करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया।
यह आयोजन डीएस नकरा के आदर्शों को आत्मसात करने और उनके द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलने की प्रेरणा देने वाला था। सभा में सभी ने पेंशनभोगियों के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उनकी रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई।