Kanpur: 50 गज के मकानों में चल रही कोचिंग और लाइब्रेरी, छात्रों की सुरक्षा पर संकट

Kanpur: शहर में कोचिंग सेंटरों की भरमार और उनकी अनियमितताओं ने छात्रों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। 50 गज के मकानों में संचालित हो रहे ये कोचिंग सेंटर और लाइब्रेरी मानकों के अनुरूप नहीं बने हैं, जिससे छात्रों की जान से खिलवाड़ हो रहा है।

मानकों का उल्लंघन

कानपुर में सैकड़ों की संख्या में कोचिंग सेंटर और लाइब्रेरी चल रहे हैं। इनमें से अधिकांश कोचिंग सेंटरों ने सुरक्षा मानकों का उल्लंघन किया है। 50 गज के छोटे मकानों में ऊपर कोचिंग सेंटर और नीचे बेसमेंट में लाइब्रेरी चलाई जा रही है। इन केंद्रों में आवश्यक सुरक्षा उपायों का पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे छात्रों की सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है।

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छात्रों की सुरक्षा पर सवाल

इन कोचिंग सेंटरों में छात्रों की संख्या अधिक होती है, लेकिन यहां आग लगने जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है। कई जगहों पर आग बुझाने के उपकरण तक नहीं हैं। बेसमेंट में लाइब्रेरी होने के कारण आपातकालीन स्थिति में छात्रों के बाहर निकलने के रास्ते भी बाधित हो सकते हैं। यह स्थिति छात्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा करती है।

प्रशासन की निष्क्रियता

स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग की निष्क्रियता के कारण यह समस्या और भी बढ़ गई है। प्रशासन की ओर से इन कोचिंग सेंटरों की नियमित जांच नहीं की जा रही है, जिससे ये सेंटर बिना किसी डर के मानकों का उल्लंघन कर रहे हैं। छात्रों और उनके अभिभावकों ने प्रशासन से अपील की है कि वे इन कोचिंग सेंटरों की जांच करें और आवश्यक कार्रवाई करें।

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छात्रों की जान से खिलवाड़

छात्रों और उनके अभिभावकों का कहना है कि कोचिंग सेंटरों और लाइब्रेरी की ऐसी अनियमितताएं छात्रों की जान से खिलवाड़ हैं। एक छात्र ने बताया, “हमारे कोचिंग सेंटर में आग बुझाने के कोई उपकरण नहीं हैं। हमें हमेशा डर लगा रहता है कि अगर कोई हादसा हो गया तो हमारी जान खतरे में पड़ सकती है।”

कानपुर में कोचिंग सेंटरों और लाइब्रेरी की इस स्थिति ने छात्रों की सुरक्षा को गंभीर खतरे में डाल दिया है। प्रशासन और शिक्षा विभाग को जल्द से जल्द इन कोचिंग सेंटरों की जांच करनी चाहिए और आवश्यक सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने चाहिए। छात्रों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता, और यह सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।

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धर्मेंद्र वाजपेई : दैनिक भास्कर, शाह टाइम्स , लोकसत्य , पीसमेकर समेत देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र ,पत्रिकाओं में दायित्व निर्वहन के पश्चात वर्तमान मे विभिन्न प्रतिष्ठित इलेक्ट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में विगत 20 वर्षों से राजनैतिक, समसामयिक एवं अपराधिक खबरों पर स्वतंत्र विश्लेषक के रूप में सक्रिय हैं।
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