Kanpur देहात के भोगनीपुर कोतवाली क्षेत्र के पिपरी गांव में एक सिरफिरे व्यक्ति ने देर रात बांके से अपनी मासूम भतीजी की हत्या कर दी। इसके अलावा, उसने अपनी पत्नी, बच्चों और अन्य परिजनों समेत छह लोगों पर धारदार हथियार से हमला किया। शोर सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे, लेकिन आरोपित फरार हो गया।
घटना का विवरण:
पिपरी गांव के निवासी दीपू अपनी पत्नी पूजा और परिवार के साथ सोमवार रात सोया हुआ था। देर रात करीब 1 बजे वह अचानक उठा और उसने बांके से अपनी पत्नी पूजा, सौतेले बेटे उमंग और सूरज पर हमला कर दिया। इसके बाद, वह छत के माध्यम से पूजा के देवर महेंद्र के घर में घुस गया और वहां उसने महेंद्र, उसकी पत्नी वीणा, छह वर्षीय बेटी काव्या और बेटा सूर्यांश पर जोरदार हमला किया। इस हमले में छह वर्षीय काव्या की मौत हो गई।
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ग्रामीणों की प्रतिक्रिया:
शोर सुनकर ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन तब तक दीपू फरार हो चुका था। सभी घायलों को तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां कुछ की हालत गंभीर देखते हुए उन्हें कानपुर के हैलट अस्पताल रेफर कर दिया गया।
पुलिस की कार्रवाई:
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायलों से जानकारी ली और आरोपित दीपू को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि दीपू ने इस घटना को क्यों अंजाम दिया इसका पता लगाने के लिए पूछताछ की जा रही है।
परिवार की पृष्ठभूमि:
ग्रामीणों के अनुसार, पूजा के पहले पति की मौत हो चुकी थी और इसके बाद उसने दूसरी शादी अपनी बहन के देवर दीपू से की थी। दीपू पूजा के बच्चों से अधिक प्यार नहीं करता था और किसी बात के तनाव में उसने इस घटना को अंजाम दिया।
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एसपी का बयान:
एसपी बीबीजीटीएस मूर्ती ने बताया कि हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे पूछताछ जारी है। उन्होंने कहा कि घटना के पीछे के कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
समाज पर प्रभाव:
इस दुखद घटना ने पिपरी गांव और आसपास के क्षेत्रों में भय और शोक की लहर फैला दी है। इस घटना ने यह दिखाया है कि मानसिक तनाव और पारिवारिक विवाद कितने घातक हो सकते हैं।
निष्कर्ष:
कानपुर देहात के पिपरी गांव में हुई इस दुखद घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। दीपू द्वारा अपनी मासूम भतीजी की हत्या और परिवार के अन्य सदस्यों पर हमला एक गंभीर अपराध है, जिसकी जांच पुलिस द्वारा की जा रही है। इस घटना से समाज को यह संदेश मिलता है कि पारिवारिक विवादों को सुलझाने में धैर्य और समझदारी की आवश्यकता है। पुलिस और प्रशासन को इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सतर्क रहना होगा और मानसिक तनाव से निपटने के लिए उचित परामर्श और सहायता प्रदान करनी होगी।
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