Kanpur में पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी की मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की लखनऊ यूनिट ने इरफान सोलंकी और उनके सहयोगियों से जुड़े लोगों के यहां छापेमारी की। यह छापेमारी 7700 वर्ग मीटर सरकारी ज़मीन बेचने के मामले में की जा रही है।
‘ईडी की छापेमारी’ ईडी की पांच सदस्यीय टीम ने जाजमऊ स्थित सिद्धनाथ मंदिर के पास इरफान सोलंकी से जुड़े व्यक्तियों के ठिकानों पर छापा मारा। सूत्रों के मुताबिक, यह छापेमारी सरकारी ज़मीन की बिक्री के संदर्भ में की गई है, जिसमें इरफान सोलंकी और उनके गैंग पर आरोप हैं। इस मामले में पहले ही शिकायत दर्ज की जा चुकी थी, और अब ईडी इस शिकायत की जांच कर रही है।
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‘2022 की शिकायत’ साल 2022 में विमल नाम के एक व्यक्ति ने इरफान सोलंकी और उनके गैंग के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। विमल ने आरोप लगाया था कि इरफान सोलंकी और उनके सहयोगियों ने सरकारी ज़मीन की अवैध बिक्री की है। इस शिकायत के आधार पर ईडी ने जांच शुरू की थी, और अब छापेमारी के जरिए जांच की दिशा को आगे बढ़ाया जा रहा है।
‘आरोप और जांच’ ईडी की छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने कई दस्तावेज़ और साक्ष्य एकत्र किए हैं। यह छापेमारी इरफान सोलंकी की संपत्तियों और उनकी आर्थिक गतिविधियों की गहन जांच का हिस्सा है। ईडी ने इस मामले में संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ भी की है और उनके बयानों को रिकॉर्ड किया है।
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‘मामले की गंभीरता’ ईडी की कार्रवाई से स्थानीय राजनीति और समाज में हलचल मच गई है। इरफान सोलंकी पर लगे आरोपों की गंभीरता को देखते हुए यह कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में आगे की कार्रवाई ईडी की रिपोर्ट और जांच के आधार पर की जाएगी।
‘समाज पर प्रभाव’ इस छापेमारी ने स्थानीय निवासियों और राजनीतिक हलकों में व्यापक चर्चा छेड़ दी है। लोग इस मामले में पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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