कानपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां एमपी/एमएलए कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी को बुजुर्ग महिला की झोपड़ी जलाने के मामले में 7 साल की सजा सुनाई है। इस मामले में विधायक के भाई रिजवान सोलंकी और उनके तीन अन्य साथियों को भी सजा और जुर्माना लगाया गया है। कोर्ट ने सभी आरोपियों को कड़ी सुरक्षा में पुलिस के साथ रवाना कर दिया है।
यह मामला 8 नवंबर 2022 का है, जब कानपुर में नाजिम फातिमा नाम की बुजुर्ग महिला की झोपड़ी जला दी गई थी। बताया जा रहा है कि यह घटना एक करोड़ों के प्लॉट को हड़पने के मकसद से की गई थी। नाजिम फातिमा की झोपड़ी जलाने का आरोप इरफान सोलंकी और उनके सहयोगियों पर लगाया गया था।
एमपी/एमएलए कोर्ट ने इस मामले में तेजी से सुनवाई की और सभी सबूतों और गवाहों के बयान के आधार पर फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों ने गरीब और बुजुर्ग महिला की झोपड़ी जलाकर कानून का उल्लंघन किया है और इसके लिए उन्हें सजा मिलनी चाहिए।
इरफान सोलंकी, जो कि समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता हैं, इस घटना के बाद से लगातार चर्चा में रहे हैं। उनके खिलाफ इस मामले में कई बार प्रदर्शन भी हुए और जनता ने न्याय की मांग की। कोर्ट के इस फैसले से पीड़ित परिवार को कुछ हद तक न्याय मिला है और उन्होंने इसे संतोषजनक बताया है।
इस फैसले के बाद समाजवादी पार्टी के भीतर भी हलचल मच गई है और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। कुछ नेताओं ने कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए कहा है कि कानून के तहत सभी को न्याय मिलना चाहिए, जबकि कुछ ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है।
इस घटना ने कानपुर और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया था और अब उन्हें सजा मिल गई है।
कोर्ट के इस फैसले से यह संदेश जाता है कि कानून के सामने कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, उसे सजा से नहीं बच सकता। न्याय की इस जीत ने जनता के बीच कानून व्यवस्था में विश्वास को और मजबूत किया है।