Kanpur के सिविल लाइंस क्षेत्र में स्थित नजूल की संपत्ति पर कब्जे को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। अब इस विवाद का एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। इस जमीन (मकान संख्या-15/62 के ब्लॉक संख्या 69, 69 ए, ए9बी) को अब प्रदेश सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया है। जिला प्रशासन ने गुरुवार को पाली क्षेत्र के नायब तहसीलदार और लेखपाल को भेजकर नोटिस चस्पा करा दिया है।
लीज की समाप्ति और सरकारी कब्जा
यह संपत्ति, जो हडर्ड चौराहे के पास स्थित है, पर कब्जे के प्रयास लंबे समय से चल रहे थे। 4 अक्टूबर 2010 को, मैरी एंड मैरी स्कूल की प्रबंधिका ने जिलाधिकारी से शिकायत की थी कि इस जमीन का मालिकाना हक स्पष्ट नहीं है। तत्कालीन एसडीएम सदर सौम्या अग्रवाल द्वारा की गई जांच में यह पता चला कि ब्लॉक संख्या 69 को 1869 में वूमेंस यूनियन मिशन ऑफ सोसाइटी ऑफ अमेरिका को 99 वर्ष के लिए लीज पर दिया गया था। इसी तरह, ब्लॉक संख्या 69ए को 1884 में और ब्लॉक संख्या 69बी को 1890 में लीज पर दिया गया था।
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यह लीज अवधि 2010 में समाप्त हो गई थी, और इसके बाद लीज का नवीनीकरण नहीं किया गया। इस स्थिति के चलते, जमीन स्वतः ही सरकारी संपत्ति में परिवर्तित हो गई है।
साल 2015 का कानूनी विवाद
लीज समाप्त होने के बाद, वर्ष 2015 में हरेंद्र नामक व्यक्ति ने खुद को संस्था का खजांची बताते हुए कानपुर न्यायालय में सिविल वाद दाखिल किया। उन्होंने पॉवर ऑफ अटॉर्नी प्रस्तुत की और बी फरमार और हरेंद्र ने खुद को पदभार देने की मांग की।
शासन का आदेश और प्रशासनिक कार्रवाई
7 मार्च 2024 को शासन ने एक आदेश जारी किया कि जिन नजूल की संपत्तियों की लीज समाप्त हो चुकी है, वे संपत्तियां स्वतः ही सरकार में निहित हो जाएंगी। इस आदेश के तहत, सिविल लाइंस की इस जमीन को अब प्रदेश सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज करा दिया गया है।
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नोटिस और आगामी कार्रवाई
जिला प्रशासन ने अब इस संपत्ति पर लोगों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा, “नजूल की संपत्ति की लीज 2010 में समाप्त हो चुकी थी। इसके बाद लीज का नवीनीकरण नहीं किया गया। अब यह संपत्ति राज्य सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज कर दी गई है। जो लोग इस संपत्ति पर रह रहे हैं, उन्हें जल्द हटाया जाएगा।”
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