Kanpur: पेंशनर फोरम के महामंत्री आनंद अवस्थी ने आज वित्त मंत्री को इस वर्ष के बजट में कई महत्वपूर्ण मांगों पर विचार करने के लिए एक पत्र भेजा। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री से भी अनुरोध किया कि वे इन मांगों को सहमति प्रदान करें।
आवस्थी ने पत्र में निम्नलिखित मांगों को शामिल किया है:
- आयुध कारखानों के निगमीकरण को वापस लेना और सरकारी रक्षा उद्योग को मजबूत करना।
- रक्षा प्रतिष्ठानों में रिक्त पदों को भरना।
- एन पी एस और यू पी एस को वापस लेना।
- पुरानी पेंशन की बहाली (गैर-अंशदायी पेंशन)।
- सेवा मामलों पर न्यायालय के निर्णयों का कार्यान्वयन।
- महंगाई भत्ते (डीए) का 18 महीने का बकाया जारी करना।
- फेस्टिवल एडवांस की बहाली।
- सी जी एच एस सुविधाओं पर संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों का कार्यान्वयन।
- पेंशनभोगियों की शिकायतों पर स्थायी समिति की सिफारिशें।
- पेंशनभोगियों को आयकर में पूर्णतः छूट।
- 12 वर्षों के बाद परिवर्तित पेंशन की बहाल करना।
- संयुक्त सलाहकार (जेसीएम) योजना का सुदृढ़ीकरण और प्रभावी बनाना।
आवस्थी ने यह भी उल्लेख किया कि इन मांगों का उद्देश्य पेंशनभोगियों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाना और उनके जीवन स्तर को ऊँचा उठाना है। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य पेंशनभोगियों को उनकी सेवाओं के लिए उचित सम्मान और सहायता प्रदान करना है। यह हमारे समाज का नैतिक दायित्व है।”
वित्त मंत्री ने इन मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है और कहा कि वे पेंशनभोगियों की भलाई के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। प्रधानमंत्री ने भी पेंशनभोगियों की चिंताओं को गंभीरता से लेते हुए उनकी सहायता के लिए तत्पर रहने का आश्वासन दिया है।