Greater Noida :यथार्थ हॉस्पिटल में मैनेजमेंट से पूछताछ जारी ,किडनी ट्रांसप्लांट राकेट का “​पर्दाफाश” होगा

Greater Noida: किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट के भंडाफोड़ मामले में शुक्रवार को 5 सदस्यीय जांच कमेटी ग्रेटर नोएडा के यथार्थ हॉस्पिटल पहुंची और मैनेजमेंट से 2 घंटे से अधिक पूछताछ की। इस मामले में जिले में अब तक करीब 100 किडनी ट्रांसप्लांट हुए हैं, जिनमें से 10 प्रत्यारोपण की जांच की जा चुकी है। हॉस्पिटल की संलिप्तता की जांच की जा रही है, जिसमें डोनर और रिसीवर के बीच एग्रीमेंट, इंटरनेशनल डॉक्यूमेंट फार्म 21, और गाइडलाइंस के अनुपालन की जांच शामिल है।

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जांच की प्रमुख बातें:

  1. मैनेजमेंट से पूछताछ: यथार्थ हॉस्पिटल के मैनेजमेंट से 2 घंटे से अधिक पूछताछ की गई। जांच कमेटी ने हॉस्पिटल के रिकॉर्ड्स और प्रक्रियाओं की बारीकी से समीक्षा की।
  2. प्रत्यारोपण की जांच: अब तक 10 किडनी प्रत्यारोपण की जांच की जा चुकी है। जांच के दौरान डोनर और रिसीवर के बीच हुए एग्रीमेंट की सत्यता की पुष्टि की जा रही है।
  3. डॉक्यूमेंटेशन की जांच: इंटरनेशनल डॉक्यूमेंट फार्म 21 की भी जांच की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी प्रक्रियाओं का सही तरीके से पालन हुआ है या नहीं।
  4. गाइडलाइंस का अनुपालन: किडनी ट्रांसप्लांट के दौरान सरकार द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस का पालन हुआ या नहीं, इसकी भी जांच की जा रही है।

जांच कमेटी:

इस जांच के लिए साशन स्तर से गठित 5 सदस्यीय टीम में ADM F/R, CMO, DCP, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और GIMS हॉस्पिटल के डॉक्टर शामिल हैं।

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जांच का बड़ा दायरा:

जांच का दायरा काफी बड़ा है और क्राइम ब्रांच के साथ-साथ जिला प्रशासन की टीम भी इसमें शामिल है। 17 जुलाई तक जांच रिपोर्ट देने का लक्ष्य रखा गया है।

समाज पर प्रभाव:

किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का भंडाफोड़ समाज में एक गंभीर मुद्दा है। यह न केवल मेडिकल क्षेत्र की विश्वसनीयता को प्रभावित करता है, बल्कि रोगियों और उनके परिवारों के विश्वास को भी हिलाता है।

भविष्य की दिशा:

जांच के निष्कर्ष आने के बाद, उम्मीद है कि इस प्रकार के रैकेट पर रोक लगाने के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों और मेडिकल प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और सख्ती लाई जा सके।

निष्कर्ष:

Greater Noida: किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का भंडाफोड़ एक गंभीर मामला है, जिसकी जांच पूरी पारदर्शिता के साथ की जा रही है। जांच कमेटी की सक्रियता और गहन जांच प्रक्रिया से उम्मीद है कि दोषियों को सजा मिलेगी और इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लगेगी। समाज को इस घटना से सतर्कता और जागरूकता की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी से बचा जा सके।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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