Lucknow: एक चौंकाने वाली घटना में, तीस साल से बिना वीजा के रह रहे केन्या के एक युवक को लखनऊ के इंदिरा नगर से गिरफ्तार किया गया है। वाराणसी से साल 2002 में जेल जा चुका यह युवक, मॉरीश ओकिय, बिना पासपोर्ट और वीजा के लखनऊ में रह रहा था। उसके खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज की गई है और केस से जुड़ी जानकारी विदेश मंत्रालय को दी गई है।
गिरफ्तारी का विवरण
लखनऊ के गाजीपुर थाना क्षेत्र के सेक्टर 9 में इंदिरा नगर से इस विदेशी युवक को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने युवक के पास कोई वैध पासपोर्ट या वीजा न होने की वजह से उसे हिरासत में लिया। मॉरीश ओकिय, जो कि केन्या का नागरिक है, तीस साल से लखनऊ में अवैध रूप से रह रहा था।
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वाराणसी में जेल जा चुका है
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मॉरीश ओकिय साल 2002 में वाराणसी से जेल जा चुका है। इस घटना के बाद से वह लखनऊ में रह रहा था और उसकी पहचान छिपी हुई थी। अब उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है कि उसने इतने सालों तक कैसे और क्यों अपनी पहचान छिपाई।
एफआइआर दर्ज और विदेश मंत्रालय को सूचना
गिरफ्तारी के बाद युवक के खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज की गई है। पुलिस ने इस मामले की रिपोर्ट तैयार कर विदेश मंत्रालय को भेज दी है ताकि इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा सके। पुलिस के अनुसार, मॉरीश ओकिय की गिरफ्तारी के बाद से यह स्पष्ट हो गया है कि वह अवैध रूप से भारत में रह रहा था और इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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पुलिस की कार्रवाई
गाजीपुर थाना क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मॉरीश ओकिय के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं थे और वह बिना वीजा के भारत में रह रहा था। उन्होंने बताया कि उसकी गिरफ्तारी के बाद से इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है और यह पता लगाया जा रहा है कि उसने इतने सालों तक अवैध रूप से भारत में कैसे रह पाया।
समाज की प्रतिक्रिया
इस घटना ने लखनऊ के लोगों में हैरानी और चिंता पैदा कर दी है। स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने कहा, “यह बहुत चौंकाने वाला है कि एक विदेशी युवक इतने सालों से हमारे बीच बिना किसी वैध दस्तावेज के रह रहा था। पुलिस को ऐसे मामलों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए।”
निष्कर्ष
Lucknow में तीस साल से बिना वीजा के रह रहे केन्या के युवक मॉरीश ओकिय की गिरफ्तारी ने एक बार फिर से अवैध रूप से रह रहे विदेशियों के मुद्दे को उजागर कर दिया है। इस मामले में पुलिस की त्वरित कार्रवाई और विदेश मंत्रालय को सूचना देना प्रशंसनीय है। अब यह देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और कैसे अवैध रूप से रह रहे अन्य विदेशियों पर कड़ी नजर रखी जा सकती है।
यह घटना हमें यह सिखाती है कि सुरक्षा और सतर्कता के मामले में हमें हमेशा जागरूक रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को देनी चाहिए।
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